अब होंगी कारें ज्यादा सुरक्षित, सरकार ने फ्रंट सीटों के लिए थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट अनिवार्य किया
नई दिल्ली: सरकार ने वाहन निर्माताओं के लिए कार में आगे के सभी यात्रियों के लिए थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट देना अनिवार्य कर दिया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कार की पिछली पंक्ति में बीच की सीट के लिए भी मानदंड लागू होगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा, “मैंने कल एक फाइल पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें वाहन निर्माताओं के लिए कार में सभी सामने वाले यात्रियों के लिए थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट प्रदान करना अनिवार्य है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार भारत में बनने वाली पैसेंजर कारों की सेफ्टी रेटिंग में सुधार करना चाहती है। मंत्रालय ने पाया कि कुछ मॉडलों को छोड़कर, भारत में किसी भी वाहन में पीछे वाले यात्री के लिए थ्री-पॉइंट सीटबेल्ट सिस्टम नहीं है, जो दुर्घटना के समय यात्रियों की जान जोखिम में डालता है।
अधिकांश वाहन टू पॉइंट सीट बेल्ट का उपयोग करते हैं, जो थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट से कमजोर होते हैं। वैज्ञानिक रूप से, थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट टू-पॉइंट बेल्ट की तुलना में अधिक सुरक्षित साबित हुई है, क्योंकि यह टक्कर के दौरान छाती, कंधों और गतिमान शरीर की ऊर्जा को समान रूप से वितरित करती है, जिसके परिणामस्वरूप कम चोटें आती हैं।
अक्सर देखा जाता है कि सिर्फ लग्जरी वाहनों में ही ज्यादा सेफ्टी फीचर्स मिलते हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने मध्यम रेंज की कारों में भी एयरबैग जैसी सेफ्टी फीचर्स देने की इच्छा जाहिर की है, क्योंकि देश में मीडियम रेंज की कारों की बिक्री सबसे ज्यादा होती है। केंद्र सरकार ने कार निर्माताओं के लिए आठ यात्रियों को ले जाने वाले वाहनों में कम से कम छह एयरबैग देना अनिवार्य कर दिया है। इसका मकसद यात्रियों की सुरक्षा को बढ़ाना है।
कुछ समय पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट किया था कि मैंने आठ यात्रियों को ले जाने वाले मोटर वाहनों में कम से कम छह एयरबैग अनिवार्य करने के लिए जीएसआर अधिसूचना के मसौदे को मंजूरी दे दी है। गडकरी का मानना है कि सरकार की प्राथमिकता यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. यह सभी प्रकार के वाहनों पर लागू होना अनिवार्य है, चाहे वाहन की कीमत या प्रकार कुछ भी हो। सरकार का उद्देश्य सभी वर्गों के लोगों को सुरक्षा प्रदान करना है।