विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2023 का मूल वाक्य, प्लास्टिक प्रदूषण के विरुद्ध समाधान
रायपुर : दुनिया भर में प्रतिवर्ष 400 मिलियन टन प्लास्टिक उपयोग किया जाता है। उसमें से मात्र आधा ऐसा है, जिसको सिर्फ एक बार ही उपयोग करने के लिए बनाया जाता है। उसका भी 10 प्रतिशत से भी कम प्लास्टिक का रिसायकिल किया जाता है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 19 से 23 मिलियन टन प्रदूषित प्लास्टिक तो नदियों, झीलों तथा समुद्र में समा जाता है। आज प्लास्टिक के उपयोग के चलते पृथ्वी पर बहुत सारी स्वास्थ्यगत समस्याएं खड़ी हैं।
विश्व स्तर पर विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2023 को कोट-डिलवोइर (Côte d’Ivoire) तथा नीदरलैंड देशों की परस्पर भागीदारी से मनाया जा रहा है। कोट-डिलवोइर देश में प्लास्टिक प्रदूषण के विरुद्ध 2014 से ही अभियान प्रारंभ किया जा चुका है। इस देश ने अपने यहां पर प्लास्टिक का उपयोग प्रतिबंधित कर दिया है तथा उसके वैकल्पिक उपयोग पर विचार कर उन्हें लागू किया जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) 1973 से प्रारंभ किया गया। जहां वैश्विक स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए 150 से ज्यादा देश भाग लेते हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दुनिया को और सतत विकास की ओर अग्रसर करना है। ‘केवल एक पृथ्वी’ की भावना से समस्त सदस्य राष्ट्र मिलजुल कर पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करेंगे, ऐसा वैश्विक स्तर पर प्रयास किए गए।