डिजिटल सेवा: सीएससी गांवों में मल्टीब्रांड ऑटो ई-स्टोर खोलने, की तैयारी

नई दिल्ली/सूत्र: ग्रामीण भारत में डिजिटल सेवा तेजी से पैर पसार रही है। यह कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) की लगातार बढ़ती संख्या से स्पष्ट है। वर्तमान में देश के चार लाख गांवों में सीएससी चलाने वाले चार लाख विलेज लेवल इंटरप्रेन्योर (वीएलई) या डिजिटल उद्यमी हैं। चालू वित्त वर्ष 2022-23 के अंत तक इनकी संख्या बढ़कर छह लाख हो जाएगी। डिजिटल उद्यमी गांव में रहकर सभी प्रकार की डिजिटल सेवाएं ग्रामीणों को प्रदान करते हैं और बदले में उन्हें सरकार या ग्रामीणों से सेवा शुल्क मिलता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के तहत कार्यरत सीएससी वीएलई के माध्यम से ग्रामीणों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं के दायरे का लगातार विस्तार कर रहा है और जल्द ही देश के 10,000 गांवों में मल्टी-ब्रांड ऑटो ई-स्टोर खोलने की भी तैयारी कर रहा है। सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक दिनेश त्यागी ने कहा कि अगले साल मार्च तक गांवों में दो लाख और वीएलई बनाए जाएंगे।

इस तरह छह लाख गांवों के ग्रामीणों को डिजिटल सेवाएं लेने के लिए शहर का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। वीएलई को सरकार द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है और यह प्रशिक्षण उन्हें इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद के सहयोग से डिजिटल रूप से प्रदान किया जाता है।

त्यागी ने कहा कि ग्रामीण सीएससी के माध्यम से डिजिटल उपचार और शिक्षा की सुविधा के साथ, अब स्कूटर, मोटरसाइकिल और यहां तक ​​कि कारों की बुकिंग भी डिजिटल तरीके से की जा सकती है। ग्रामीण वीएलई के माध्यम से ऑटो खरीद के लिए ऋण भी ले सकेंगे।

उन्होंने कहा कि ई-स्टोर पर जाकर ग्रामीण विभिन्न कंपनियों के वाहनों की पूरी जानकारी डिजिटल तरीके से प्राप्त कर सकेंगे और उनकी बुकिंग भी कर सकेंगे. उन्हें ऑटो का डिलीवरी सेंटर भी मिलेगा। विभिन्न ऑटो कंपनियों के साथ ई-स्टोर खोलने के लिए और बैंकों के साथ ऋण प्राप्त करने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

त्यागी ने बताया कि करीब 100 गांवों में मल्टीब्रांड ऑटो ई-स्टोर खोले गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में कहा था कि भारत के चार लाख कॉमन सर्विस सेंटर गांवों में विकसित किए जा रहे हैं. गांव के जवान बेटे-बेटियां कॉमन सर्विस सेंटर चला रहे हैं। गांवों में चार लाख डिजिटल उद्यमियों का निर्माण और ग्रामीणों को सभी सेवाएं प्रदान करना भारत की प्रौद्योगिकी हब बनने की ताकत को दर्शाता है।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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