नकली दवाओं पर लगाम लगाने की तैयारी, दवाओं के पैकेट पर छपेगा बार कोड
नई दिल्ली/सूत्र : सरकार ने नकली और घटिया दवाओं पर रोक लगाने की योजना बनाई है। अब आप जल्द ही चेक कर पाएंगे कि आपने जो दवा खरीदी है वह नकली तो नहीं है। दरअसल, नकली दवाओं की समस्या से निपटने के लिए सरकार दवा कंपनियों द्वारा 300 दवाओं के पैकेट पर ‘बार कोड’ अनिवार्य करने की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने जा रही है।
अगले साल मई से लागू हो जाएगा ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स रूल्स
पैकेट पर छपे बार कोड को स्कैन करके मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस और बैच नंबर जैसी जानकारी का पता लगाया जा सकता है। मंजूरी के बाद ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक रूल्स, 1945 में संशोधन अगले साल मई से लागू हो जाएगा।
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि सूची में उल्लिखित दवाओं का एक बड़ा हिस्सा ऐसा है कि ज्यादातर लोग सीधे दुकान से खरीदते हैं, जिससे नकली दवाओं के इस्तेमाल की संभावना बनी रहती है। उन्होंने कहा कि इस संशोधन का उद्देश्य नकली दवाओं की आपूर्ति को रोकना और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा में सुधार सुनिश्चित करना है।
सूत्रों ने कहा, “बार कोड या क्यूआर कोड यह साबित करने में सक्षम होगा कि कोई दवा असली है या नहीं।” केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जून में इस संबंध में एक मसौदा अधिसूचना जारी की थी, जिसमें लोगों से टिप्पणियां और प्रतिक्रिया मांगी गई थी।
टिप्पणियों और विचार-विमर्श के आधार पर मंत्रालय इसे अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। पहले चरण में 300 दवाओं को शामिल किया जाएगा, जो शीर्ष दवा ब्रांडों की कुल बाजार हिस्सेदारी का लगभग 35 प्रतिशत है और सभी दवाओं को अगले साल दिसंबर तक कवर किया जा सकता है।