युवाओं के लिए उत्खनन क्षेत्र में खुले रोजगार के अवसर

रायपुर : खनिज संसाधन से भरपूर छत्तीसगढ़ राज्य में खनन उद्योग से संबंधित चालकों को उत्खनन वाहनों के संचालन के संबंध में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ परिवहन सचिव एस. प्रकाश द्वारा किया गया। उल्लेखनीय है कि इंस्टीट्यूट ऑफ़ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च पहली बार इस प्रकार के वाहनों के संचालन के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है।

प्रशिक्षण के शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए एस.प्रकाश ने कहा कि उत्खनन क्षेत्र में उपयोग में आने वाले वाहनों की संचालन के लिए दिए जा रहे इस प्रशिक्षण से छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए उत्खनन के क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण से खनन उद्योगों का परिचालन में सुव्यवस्थित रूप से हो सकेगा।

वहीं इस प्रशिक्षण से युवाओं के कौशल में भी वृद्धि होगी जिससे वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने में भी मदद मिलेगी। इस अवसर पर एस प्रकाश, सचिव परिवहन विभाग छ ग शासन एवं संजय शर्मा, सहायक पुलिस महा निरीक्षक (यातायात) द्वारा एवं आई डी टी आर के प्रशिक्षक और पदाधिकारियों ने आई डी टी आर के परिसर में वृक्षारोपण भी किया।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में संचालित किए जा रहे है इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड टेनिंग रिसर्च में उत्खनन से जुड़े वाहनों के प्रशिक्षण के लिए कार्ययोजना बनाई गई है। इस कार्ययोजना में प्रशिक्षण के साथ-साथ वाहनों के प्रबंधन को भी शामिल किया गया है। यहां मारूति सुजूकी द्वारा उत्खनन से संबंधित वाहनों से प्रशिक्षण के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।

इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड टेनिंग रिसर्च में सभी प्रकार वाहनों के परिचालन के लिए इच्छुक लोगों तथा शासकीय वाहनों चालकों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई। यहां इच्छुक व्यक्ति दो पहिया, हल्के वाहन, भारी वाहन के लर्निंग लाईसेंस के लिए आवेदन कर सकते है। यहां एक ही छत की नीचे वाहन चालन लाईसेंस से संबंधित सभी औपचारिकताएं पूर्ण करायी जाती है।

इस इंस्टीट्यूट में कमर्शियल वाहन चालकों के लिए रिफ्रेशर कोर्स की व्यवस्था की गई है। इस कोर्स में उन्हें सड़क सुरक्षा के नियम और टैफिक सिग्नल के साथ-साथ मोटर वाहन अधिनियम और इस नियम के उल्लंघन होने पर लगने वाले जुर्माने की जानकारी भी दी जाती है। वाहन चालकों को प्रशिक्षण के दौरान ईंधन की बचत के लिए वाहनों के रख-रखाव आदि के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। अब तक यहां दस हजार से अधिक वाहन चालकों को रिफ्रेशर ट्रेनिंग दी जा चुकी है।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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