CG Budget Session: नियमितीकरण के मुद्दे पर सदन में सवाल
रायपुर : विधानसभा में एक बार फिर संविदा, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण का मुद्दा उठा. कांग्रेस विधायक डॉ. प्रीतम राम ने पूछा कि क्या अनियमित, संविदा, दैनिक वेतनभोगी के नियमितिकरण के लिए कोई समिति गठित की गई है? समिति ने क्या सिफारिशें की हैं और उन पर क्या कार्रवाई की गई है?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखित रूप से जानकारी दी कि 11 दिसंबर, 2019 को प्रमुख सचिव, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है. समिति के सदस्यों में प्रमुख सचिव, विधि एवं विधायी विभाग, सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग, सचिव, वित्त विभाग, सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा सचिव, आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग शामिल हैं।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा- 38 विभागों से मिली जानकारी, आठ विभागों की जानकारी नहीं
समिति ने विभिन्न विभागों से अनियमित, संविदा, दैनिक वेतनभोगी की संख्यात्मक जानकारी मांगी है. 38 विभागों से सूचना प्राप्त हो चुकी है जबकि आठ विभागों की सूचना उपलब्ध नहीं है। समिति की अनुशंसा के अनुसार विधि एवं विधायी विभाग के कर्मचारियों के नियमितिकरण के लिए महाधिवक्ता की राय मांगी गई है। राय मिलने पर इसे सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा जाएगा, जिसकी आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच बिंदुओं के आधार पर विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की जानकारी मांगी गई है. इनमें अनियमित दैनिक वेतन भोगी एवं विभागों में पदस्थापित संविदा कर्मचारियों को खुले विज्ञापन या भर्ती प्रक्रिया से नियुक्त किया गया है? क्या कार्यरत कर्मचारियों के पास उक्त पद के लिए निर्धारित शैक्षिक या तकनीकी योग्यता है? कार्यरत कर्मचारी जिस पद पर कार्यरत है, क्या वह संबंधित विभाग के पद संरचना या भर्ती नियमों में स्वीकृत है? क्या सरकार द्वारा उक्त नियुक्ति में आरक्षण नियमों का पालन किया गया है? अनियमित दैनिक वेतन भोगी एवं संविदा पर कार्यरत व्यक्तियों को वर्तमान में कितना मानदेय दिया जा रहा है तथा उन नियमित पदों का वेतनमान क्या है? इन बिन्दुओं के आधार पर अभी तक 24 विभागों से सूचना प्राप्त हो चुकी है, शेष 22 विभागों से सूचना प्राप्त नहीं हो पायी है।