खरगोश पालन कम निवेश पर अधिक फायदा शुरू करें ये बिजनेस

रायपुर/स्रोत सोशल मीडिया : खरगोश पालनयह एक ऐसा व्यवसाय है जिसे कम लागत में शुरू किया जा सकता है और इस व्यवसाय में लाभ भी अधिक होता है। आप लगभग 4 लाख रुपये के निवेश से खरगोश पालन का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। यह धंधा इसलिए फायदेमंद है क्योंकि बाजार में खरगोश के मांस की कीमत ज्यादा मिलती है। वहीं इसके बालों से बने ऊन के लिए भी इसे पाला जाता है।

4 लाख रुपए तक आएंगे खर्च- खरगोश पालन के इस कारोबार को इकाइयों में बांटा गया है। एक इकाई में सात मादा और तीन नर खरगोश हैं। मान लीजिए खेती का शुरुआती स्तर 10 यूनिट है, तो इसमें 4 लाख से 4.50 लाख रुपये तक का खर्च आता है। इसमें करीब 1 से 1.50 लाख रुपये के टिन शेड, 1 से 1.25 लाख रुपये के पिंजरे, चारा और इन इकाइयों पर खर्च किए गए लगभग 2 लाख रुपये शामिल हैं।

नर और मादा खरगोश लगभग 6 महीने बाद प्रजनन के लिए तैयार हो जाते हैं। एक मादा खरगोश एक बार में 6 से 7 बच्चों को जन्म देती है। एक मादा खरगोश का गर्भकाल 30 दिनों का होता है और अगले 45 दिनों में बच्चा लगभग 2 किलो का होने के बाद बिक्री के लिए तैयार हो जाता है।

इस तरह होगी कमाई- अगर एक मादा खरगोश औसतन 5 बच्चे पैदा करती है तो इस तरह 45 दिन में 350 बच्चे बन जाएंगे। खरगोश इकाई लगभग छह महीने में बच्चे पैदा करने में सक्षम है। 6 महीने तक इंतजार करने की भी जरूरत नहीं है। खरगोश की 10 यूनिट से 45 दिनों में तैयार किया गया बच्चों का एक बैच करीब 2 लाख रुपए में बिकता है। उन्हें कृषि प्रजनन, मांस और ऊन व्यवसाय के लिए बेचा जाता है और एक मादा खरगोश साल में कम से कम 7 बार जन्म देती है

लेकिन मृत्यु दर, बीमारी आदि को ध्यान में रखते हुए औसतन 5 गर्भावस्था अवधि मानकर 10 लाख रुपये के खरगोश एक साल में बेचे जाते हैं, जबकि चारे पर खर्च किए गए 2 से 3 लाख रुपये 7 लाख रुपये का शुद्ध लाभ माना जा सकता है। हालांकि शुरुआती साल में इसमें कुल 4.50 लाख रुपये का निवेश निकाला जाए तो भी 3 लाख रुपये की आमदनी होती है।

आप फ्रेंचाइजी लेकर भी बिजनेस शुरू कर सकते हैं, अगर ज्यादा रिस्क लेने की क्षमता नहीं है तो नए लोगों के पास कई बड़े फार्मों से फ्रेंचाइजी लेने का विकल्प होता है। इसके जरिए खरगोश पालन से लेकर मार्केटिंग तक हर तरह की ट्रेनिंग दी जाती। इस बात का ध्यान रखें कि कोई भी बिजनेस शुरू करने से पहले आपको संबंधित बिजनेस के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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