अब सिंगल सिगरेट बेचने पर रोक लगाने की तैयारी
नई दिल्ली/सूत्रः संसद की स्टैंडिंग कमेटी ने देश में तंबाकू उत्पादों और शराब के सेवन पर प्रभावी प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। समिति ने सिंगल सिगरेट बेचने पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया है। कमेटी का मानना है कि इससे तंबाकू नियंत्रण अभियान प्रभावित होता है। एक सिगरेट से खपत बढ़ जाती है। एयरपोर्ट के स्मोकिंग जोन को भी बंद करने की सिफारिश की गई है।
कमेटी के मुताबिक जीएसटी लागू होने के बाद भी तंबाकू उत्पादों पर टैक्स में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि आम बजट में तंबाकू उत्पादों पर टैक्स में बढ़ोतरी हो सकती है. कमेटी ने इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के हवाले से कहा है कि शराब और तंबाकू के सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
गुटखा, सुगंधित तम्बाकू और माउथ फ्रेशनर के नाम पर बिकने वाले उत्पादों पर भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। तंबाकू उत्पादों से वसूले जाने वाले टैक्स का इस्तेमाल कैंसर मरीजों के इलाज में किया जाएगा। साथ ही, अतिरिक्त राशि का उपयोग तंबाकू के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए किया जाना चाहिए। मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के कैंसर सर्जन पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि तंबाकू उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने से कैंसर के मामले कम हो सकते हैं।
स्वास्थ्य अर्थशास्त्री और राजगिरी कॉलेज सोशल साइंसेज, कोच्चि के एडजंक्ट प्रोफेसर रिजो एम. जॉन का कहना है कि तंबाकू उत्पादों पर टैक्स स्लैब सही नहीं है. लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहतर होगा कि उन पर टैक्स बढ़ाया जाए।
वॉलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया और अन्य विशेषज्ञों के प्रस्ताव के मुताबिक, प्रति बीड़ी की न्यूनतम दर 1 रुपये और सिगरेट की 12 रुपये होनी चाहिए। धूम्रपान रहित सिगरेट पर टैक्स 90 फीसदी बढ़ाया जाना चाहिए। इससे 416 अरब रुपये के रेवेन्यू में इजाफा होगा। बीड़ी की खपत में 48%, सिगरेट में 61% और तंबाकू की खपत में 25% की कमी आएगी।