भारत-यूके फ्री ट्रेड डील: कपड़ा और जूता उद्योग के लिए नए अवसर, निर्यात दोगुना होने की उम्मीद

नई दिल्ली: भारत और ब्रिटेन के बीच हाल ही में हुए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) से देश की कपड़ा (Textile), चमड़ा (Leather) और फुटवियर (Shoes) इंडस्ट्री को बड़ा फायदा मिलने वाला है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि इस समझौते से अगले तीन सालों में इन क्षेत्रों का निर्यात दोगुना होकर 494 मिलियन डॉलर से बढ़कर 1 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।

क्या मिलेगा इस डील से फायदा?

• कस्टम प्रक्रिया आसान: अब यूके को निर्यात करने में दस्तावेज़ी और कस्टम झंझट कम होंगे।

• तकनीकी मानकों का लाभ: भारतीय उत्पादों को गुणवत्ता मानकों के अनुरूप वैश्विक पहचान मिलेगी।

• GI टैग वाले उत्पादों की सुरक्षा: कोल्हापुरी चप्पल, मोजरी जैसे भौगोलिक संकेतक (GI) वाले उत्पादों को कानूनी सुरक्षा मिलेगी।

कौन से उत्पाद होंगे सबसे बड़े लाभार्थी?

यूके ने भारतीय उत्पादों पर लगने वाले आयात शुल्क को खत्म कर दिया है।

पहले यह शुल्क:

• चमड़े के सामान पर 2% से 8%

• चमड़े के जूतों पर 4.5%

• नॉन-लेदर जूतों पर 11.9% था।

अब शुल्क खत्म होने से भारत को बांग्लादेश, वियतनाम और कंबोडिया जैसे देशों के बराबर प्रतिस्पर्धा का मौका मिलेगा।

इससे इन क्षेत्रों को सीधा लाभ होगा:

• रेडीमेड गारमेंट्स

• होम टेक्सटाइल

• कालीन और हस्तशिल्प

• फुटवियर और लेदर गुड्स

बैठक में क्या चर्चा हुई?

वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार को टेक्सटाइल, फुटवियर और लेदर उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।

बैठक में मंत्री पीयूष गोयल ने कहा:

“यह समझौता इन सेक्टरों के लिए वैश्विक बाजार का दरवाज़ा खोलने वाला है। MSME, कारीगरों, महिला उद्यमियों और युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।”

सरकार की आगे की योजना

• IFLDP (Indian Footwear and Leather Development Programme) के तहत 1,700 करोड़ रुपये का निवेश।

• मेगा क्लस्टर, डिजाइन स्टूडियो और टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन को बढ़ावा।

• अंतरराष्ट्रीय ब्रांड को प्रमोट कर ग्लोबल वैल्यू चेन में भारतीय कंपनियों की हिस्सेदारी बढ़ाना।

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