SEBI IPO Rule Change 2025: बड़े IPO में रिटेल इन्वेस्टर्स की हिस्सेदारी घट सकती है, QIBs को मिलेगा ज्यादा मौका
नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार में IPO निवेश का गणित बदलने वाला है। SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) एक ऐसे प्रस्ताव पर काम कर रहा है, जिससे बड़े IPO (₹5000 करोड़ से अधिक) में खुदरा निवेशकों (Retail Investors) को मिलने वाला आरक्षण घट सकता है।
SEBI का नया प्रस्ताव: क्या बदलेगा?
- अब तक बड़े IPO में रिटेल निवेशकों के लिए 35% कोटा निर्धारित था।
- प्रस्ताव के मुताबिक ₹5000 करोड़ से अधिक के IPO में इसे 25% किया जा सकता है।
- क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) का हिस्सा 50% से बढ़ाकर 60% करने की योजना है।
- यह बदलाव ग्रेडेड अप्रोच के तहत लागू किया जाएगा। यानी IPO जितना बड़ा होगा, QIBs का हिस्सा उतना ज्यादा।
क्यों कर रहा है SEBI बदलाव?
SEBI के अनुसार:
- भारत में पिछले कुछ वर्षों में IPO का औसत आकार तेजी से बढ़ा है।
- बड़े IPO में लाखों खुदरा आवेदन की जरूरत होती है, जो कई बार पूरी नहीं हो पाती।
- वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, युद्ध और बाजार की अस्थिरता के कारण IPO का जोखिम बढ़ गया है।
- QIBs को ज्यादा प्राथमिकता देने से IPO को स्थिर निवेश आधार मिलेगा।
Anchor Investors की नई परिभाषा
SEBI एंकर इन्वेस्टर्स की परिभाषा भी बदलने की तैयारी कर रहा है।
- अब म्यूचुअल फंड्स के अलावा बीमा कंपनियां (Insurance Companies) और पेंशन फंड्स को भी एंकर इन्वेस्टर माना जा सकता है।
- इससे कंपनियों को लिस्टिंग से पहले भरोसेमंद निवेशक आधार मिलेगा।
रिटेल इन्वेस्टर्स पर असर
- रिटेल कोटे में कटौती होने से शेयर आवंटन मिलने की संभावना घट सकती है।
- लिस्टिंग गेन पर ध्यान देने वाले छोटे निवेशकों के लिए यह चिंता का कारण हो सकता है।
- लंबे समय के निवेशकों के लिए यह बाजार को स्थिर और संस्थागत निवेशकों के लिए अनुकूल बना सकता है।
संतुलन जरूरी
SEBI का यह प्रस्ताव IPO मार्केट में स्थिरता और पारदर्शिता लाने की दिशा में बड़ा कदम हो सकता है।
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि खुदरा निवेशकों की भागीदारी को सुरक्षित रखते हुए ही बदलाव किए जाने चाहिए, क्योंकि यही वर्ग भारतीय बाजार की रीढ़ है।
अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो बड़े IPO में QIBs की हिस्सेदारी बढ़ेगी और रिटेल इन्वेस्टर्स का कोटा घटेगा। इसलिए खुदरा निवेशकों को आगे और भी रणनीतिक होकर निवेश करना होगा।



