वेतन ₹1 लाख और लक्ष्य 10 साल में ₹1 करोड़ का! जानिए हर महीने कितनी बचत करनी होगी

नई दिल्ली: समाज में हर महीने एक लाख रुपये कमाने वाले अभी भी बहुत कम लोग मिलते हैं। लेकिन महानगरों में ऐसे काफी व्यक्ति हैं, जिनका वेतन एक लाख रुपये या इससे भी ज्यादा है। इतना कमाने वाले आर्थिक रूप से स्वतंत्र महसूस कर सकते हैं। ऐसे व्यक्ति यदि सही प्लानिंग के साथ चलें तो महज 10 साल में ही 1,00,00,000 (1 Crore) रुपये का कोर्पस बना सकते हैं। लेकिन एक करोड़ रुपये का फंड बनाने के लिए आपको लगातार निवेश करना होगा और सही तरीके से प्लानिंग भी करनी होगी।
क्या करना होगा?
आपको अगले 10 साल में एक करोड़ रुपये का फंड बनाने के लिए, कई विकल्प देख सकते हैं। उनमें से एक है म्यूचुअल फंड का रास्ता। अगर आप इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आपको हर महीने करीब 44,000 रुपये जमा करने होंगे। हम मान कर चल रहे हैं कि इक्विटी म्यूचुअल फंड में औसतन 12% सालाना का रिटर्न मिलता है। हालांकि एक लाख रुपये कमाने के लिए हर महीने 44 हजार रुपये का निवेश थोड़ा कठिन फैसला है। क्योंकि यह रकम उनकी आधी सैलरी के बराबर है। देखने में यह भले ही मुश्किल लगे, यदि ठान लें और अपने खर्चों पर ध्यान रखें तो यह लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।
वेतन का कितना पैसा खर्च करें?
फाइनेंसियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि ज्यादा सैलरी मिलने पर भी बेहिसाब खर्च नहीं करें। अक्सर देखा जाता है कि ज्यादा वेतन मिलने पर लोग बाहर खाना, नए गैजेट खरीदना या घूमने-फिरने पर खर्च बढ़ाते हैं। मगर याद रखें, आज बचाया गया आपका हर एक रुपया आपको भविष्य में जबरदस्त फायदा देगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वेतन जितना भी मिले, जरूरी चीजों पर अपनी सैलरी का 40% से 50% हिस्सा ही खर्च करें। वेतन का 10% हिस्सा इमरजेंसी के लिए बचाएं। बांकी जो पैसा बचे, उसे सही जगह निवेश कर दें।
वेतन बढ़े तो इसे बढ़ाएं
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वेतनभोगियों का वेतन भी हर साल लगभग बढ़ता ही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जैसे ही आपका वेतन बढ़े, आप निवेश की रकम बढ़ा दें। मान लिया जाए कि आप अपने वेतन का 30 फीसदी हिस्सा इक्विटी म्यूचुअल फंड के एसआईपी (SIP) में लगाते हैं। यदि हर साल आपके वेतन में 10 फीसदी की बढ़ोतरी होती है तो आप एसआईपी की रकम भी 10 फीसदी बढ़ा दें। एसआईपी की रकम दिखने में भले ही छोटी लगती है, लेकिन इससे कंपाउंडिंग में मदद मिलती है।
बाजार में गिरावट से परेशान नहीं हों
आमतौर पर देखा जाता है कि जैसे ही शेयर बाजार में गिरावट आती है, छोटे निवेशक परेशान हो जाते हैं। वे शेयर बाजार में निवेश की गई रकम को निकालने के लिए जुगत लगाने लगते हैं। लेकिन इस बात को मान लें कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव आते ही रहते हैं। शेयर बाजार में गिरावट आने पर निवेश की गई रकम नहीं निकालें।



