संरक्षण में पले रेत माफिया की गुंडागर्दी: पत्रकारों पर हमला, फायरिंग से मुश्किल से बची जान

राजिम : छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में रेत माफिया की दबंगई और प्रशासन की निष्क्रियता एक बार फिर सामने आई है। अवैध रेत खनन की कवरेज करने गए पत्रकारों पर जानलेवा हमला हुआ है। राजिम थाना क्षेत्र के पितईबंद रेत घाट पर रेत माफिया के गुर्गों ने पत्रकार शेख इमरान और उनके साथियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा और हवाई फायरिंग भी की गई।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पत्रकारों का आईडी कार्ड और कैमरा भी छीन लिया गया। हमले में कई पत्रकार घायल हुए थे जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया था। शेख इमरान ने अपनी जान बचाने के लिए भागते हुए वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसके बाद उनकी जान बची।
प्रशासन को पहले ही दी गई थी शिकायत



गौरतलब है कि ग्राम पंचायत पितईबंद के सरपंच व ग्रामीणों ने अवैध रेत उत्खनन और माफिया संरक्षण के खिलाफ पहले ही तहसीलदार, एसडीएम और खनिज अधिकारी को शिकायत सौंपी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। सूत्रों की मानें तो एक स्थानीय नेता के मौखिक समर्थन पर रेत माफिया को खुला संरक्षण मिला हुआ है। यही वजह है कि माफिया अब खुलेआम पत्रकारों पर हमला करने से भी नहीं हिचक रहे।
अब सवाल यह है कि –
• क्या प्रशासन किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा था?
• खनिज विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस अब तक चुप क्यों थे?
• क्या स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इस माफिया गठजोड़ में शामिल हैं?
जनता जानना चाहती है कि जब लोकतंत्र के प्रहरी सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा की क्या गारंटी है?



