श्रद्धांजली : कर्मठ समाज सेविका श्रीमती सावित्री महिलांग
रायपुर : अश्वनी कुमार।। छ0ग0 की राजधानी रायपुर के राजेंद्रनगर स्थित सफुरा माता महिला सेवा समिति की अध्यक्षा श्रीमती सावित्री महिलांग का 26 सितम्बर 2020, दिन शनिवार को दोपहर, रायपुर के डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मृति चिकित्सालय के कोविड केयर वार्ड में निधन हो गया। वे 65 वर्ष की थी। इससे दो दिन पहले 24 सितम्बर को उन्हें कोरोना वायरस कोविड 19 से सम्बंधित लक्षण आने पर टेस्ट कराया गया और पॉजिटिव आने पर उसी दिन अम्बेडकर अस्पताल के कोविड केयर वार्ड में भर्ती कराया गया था। जहाँ दो दिन के इलाज के बाद वे सतलोकवासी हो गईं।
उनका जन्म सन 1955 में कोनारी, छेरकापुर, जिला बलौदाबाजार में हुआ था। वे शादी होकर ग्राम सांहड़ा, पोस्ट वटगन, तहसील पलारी, जिला बलौदाबाजार- भाटापारा, छ0ग0 गई थीं। उनके पति श्री जेपी महिलांग प्रधान पाठक थे। उनका एक पुत्र महेंद्र कुमार महिलांग बस्तर जिले में एमबीबीएस डॉक्टर थे। जिनका निधन भी चार साल पहले हो गया हैं। उनके पुत्रियों की शादी हो गई हैं। राजेंद्र नगर, रायपुर के अपने घर में रहकर उन्होंने अपना पूरा समय समाजसेवा के लिए समर्पित कर दी थीं। श्रीमती सावित्री महिलांग में बचपन से शिक्षा के प्रति ऐसा लगाव रहा कि बचपन में 5वीं तक वे नियमित शिक्षा प्राप्त कीं, फिर शादी के बाद ससुराल में अपने पतिदेव के सहयोग और मार्गदर्शन से स्वाधययी के रूप में 11 वीं तक शिक्षा प्राप्त किये।
उन्होंने अपने बच्चों को भी अच्छी शिक्षा दीक्षा प्रदान किये। वे बताती थीं कि एक बार समाज के गुरुमाता, 4 बार के सांसद , ममतामयी मिनीमाता जी दौरे के समय उनके घर आयीं थीं।। जिनसे वे बहुत प्रभावित हुईं और उन्हें अपना आदर्श और प्रेरणाश्रोत मानने लगीं। तब से उनके मन में समाज के लिए कुछ करने की सोंच बनने लगी थीं। बाद में वे सक्रियता से समाज सेवा करने के उद्देश्य से वर्ष 2003 में रायपुर के राजेंद्र नगर में, कुछ महिलाओं को साथ लेकर “सफुरा माता महिला सेवा समिति” नामक संगठन बनायी। इस संगठन के माध्यम से समाज में शिक्षा दीक्षा, महिलाओं के विकास, युवाओं-महिलाओं को रोजगार व्यवसाय, सामाजिक जागरूकता आदि के कार्यों में जी जान से जुट गईं। उन्होंने कई महिलाओं को सिलाई, कढाई, बुनाई, छोटे दुकान सहित और भी अन्य किस्म के रोजगार व्यवसाय दिलाकर स्वावलंबी बनाया।
समाज में किसी भी प्रकार की समस्याएं आने पर वे महिलाओं का समूह लेकर सम्बन्धित अधिकारी, मंत्री, नेताओं के पास पहुंच जाती थीं। और बड़ी मुखरता से समाज हित में अपनी बात रखती थीं। और समस्या सुलझाकर ही दम लेती थीं। उनका व्यक्तित्व और बोलने का अंदाज ही ऐसा था कि अक्सर सम्बन्धित अधिकारी और मंत्री-नेता उनका काम कर देते थे। पिछले 25 वर्षों यानी 1995 से बहुत ही सक्रियता से समाज के सभी कार्यकर्मो, आयोजनों, धरना, प्रदर्शन, आंदोलन, मीटिंग, बैठक, शोभा यात्रा, जयंती कार्यक्रम आदि सभी में बढ़ चढ़ कर भाग लेती थीं। श्रीमती सावित्री महिलांग के निधन से समाज में एक सच्चे, निष्ठावान, समाज सेविका महिला की रिक्तता आयी है। उनकी कमी हमेशा खलेगी। उनके कार्यो की वजह से समाज हमेशा उन्हें याद करेगा और नई पीढ़ी उनसे प्रेरणा लेती रहेगी।