अंतरिक्ष की उड़ान: अपनों से मिलकर भावुक हुए भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला

नई दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला सफल अंतरिक्ष मिशन के बाद 15 जुलाई को पृथ्वी पर लौट आए। अंतरिक्ष में 18 दिन बिताने के बाद जब वे अपने परिवार से मिले, तो भावनाएं छलक पड़ीं। लखनऊ निवासी एस्ट्रोनॉट शुभांशु ने पत्नी कामना शुक्ला और 6 वर्षीय बेटे किआश से गले मिलते हुए भावुक क्षण साझा किए।

परिवार से यह पुनर्मिलन अमेरिका के ह्यूस्टन स्थित विशेष सुविधा केंद्र में हुआ, जहां प्रारंभिक मेडिकल परीक्षण के बाद शुभांशु को परिजनों से मिलने की अनुमति दी गई। इस दौरान पत्नी की आंखें नम थीं, और बेटे को गोद में उठाते समय शुभांशु खुद भी बेहद भावुक हो गए।
इंस्टाग्राम पोस्ट में साझा की भावनाएं
शुभांशु ने अपनी भावनाएं सोशल मीडिया पर भी साझा करते हुए लिखा –
“अंतरिक्ष की उड़ान अद्भुत होती है, लेकिन लंबे समय बाद अपनों से मिलना भी उतना ही अद्भुत होता है। धरती पर लौटकर जब परिवार को गले लगाया तो लगा कि जैसे सच में घर लौट आया।”
उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष यात्रा से पहले दो महीने तक क्वारंटीन में रहना पड़ा। इस दौरान उन्हें परिवार से आठ मीटर की दूरी बनाए रखनी पड़ी थी। बेटे को समझाया गया था कि वह पापा को छू नहीं सकता। बेटा मासूमियत से हर बार पूछता था, “क्या मैं अब हाथ धोकर पापा को छू सकता हूं?”
एक्सियम मिशन 4 का हिस्सा रहे
एक्सियम मिशन-4 के तहत शुभांशु शुक्ला 25 जून को तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हुए थे। 26 जून को भारतीय समयानुसार शाम 4:01 बजे वे स्पेस स्टेशन से जुड़े। वहां उन्होंने कुल 18 दिन बिताए और 15 जुलाई को प्रशांत महासागर में कैलिफोर्निया तट के पास सफलतापूर्वक लैंडिंग की।
60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग
आईएसएस में रहते हुए शुभांशु ने 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए। इनमें जीव विज्ञान, सामग्री विज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से संबंधित प्रयोग शामिल थे। उनका प्रमुख प्रयोग ‘स्प्राउट्स प्रोजेक्ट’ माइक्रोग्रैविटी में पौधों की वृद्धि पर केंद्रित था, जो भविष्य की अंतरिक्ष खेती के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।



