मई में सिप निवेश 11 महीने के निचले स्तर पर: कोरोना का असर

नई दिल्ली: कोरोना की महामारी के चलते अनिश्चितता का माहौल है. कोरोना वायरस की महामारी का असर म्यूचुअल फंडों में निवेश पर भी पड़ा है. सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (सिप) के जरिए म्यूचुअल फंडों में होने वाला निवेश मई में गिर कर 8,123 करोड़ रुपये रहा. यह पिछले 11 महीने में सबसे कम है.
कोरोना वायरस की महामारी का असर के चलते शेयर बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव हैं. हालांकि, यह लगातार 18वां महीना था, जब सिप में निवेश 8,000 करोड़ रुपये से ऊपर बना रहा. भारतीय म्यूचुअल फंड संघ (एम्फी) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक म्यूचुअल फंड उद्योग ने पिछले महीने सिप रूट से 8,123 करोड़ रुपये जुटाए, जो अप्रैल में 8,376 करोड़ रुपये के मुकाबले कम था.
पिछले साल मई में सिप के जरिए 8,183 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था. एम्फी के आंकड़ों के मुताबिक, मई 2020 में सिप निवेश, जून 2019 के बाद सबसे कम था. इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश का बड़ा हिस्सा सिप के जरिए होता है.
बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, कोरोना वायरस की महामारी के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव और आर्थिक अनिश्चितता के माहौल के चलते सिप में निवेश कम रहा. उन्होंने कहा कि सिप अभी भी खुदरा निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने का पसंदीदा तरीका बना हुआ है, क्योंकि इससे उन्हें बाजार के जोखिमों को कम करने में मदद मिलती है.
जानकारों का कहना है कि निवेशकों को सिप में निवेश नहीं रोकना चाहिए. सिप लंबी अवधि के निवेश का जरिया है. इसलिए शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इस पर नहीं होगा. यह म्यूचुअल फंड में निवेश का अनुशासित तरीका है.