स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट, नवजात शिशुओं के लिए वरदान
रायपुर : राज्य में शिशु स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए लगातार ठोस कदम उठाए जा रहे है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से बनाए गए स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। सही समय पर उचित स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में नवजात को गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। नवजात में होने वाली स्वास्थ्य जटिलताओं की समय पर पहचान कर उन्हें सुरक्षित किया जा सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए मेडिकल कॉलेज एवं जिला अस्पताल स्तर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। जिसमें स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट की अहम भूमिका है। राज्य के अस्पतालों में वर्ष 2021-22 तक कुल 23 स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट क्रियाशील किए जा चुके है।
ऐसे बच्चे जिनके पैदा होने के बाद जिन्हें चिकित्सकीय उपचार की आवश्यकता होती है। जैसे- जन्म से पहले पैदा हो गया हो। पैदा होने के बाद नहीं रोया हो। कम वजन का हो, जन्म के समय से पीलिया हो। सांस लेने में तकलीफ हो। पेट में तनाव या सूजन हो, शुगर बढ़ने से बच्चे को पेशाब ज्यादा हो रही हो। पल्स बढ़ी हो, ऑक्सीज़न की कमी हो। मां का दूध नहीं पी पाता हो। गंदा पानी पी लिया हो। हाथ-पैर नीला पड़ गया हो एवं जन्म के तुरंत बाद झटके आ रहे हों। उन्हें सिक न्यू बोर्न यूनिट वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जाता है।
एसएनसीयू से डिस्चार्ज होने के बाद भी कम वजन वाले बच्चों में मृत्यु का अधिक खतरा रहता है। स्वस्थ नवजात की तुलना में जन्म के समय कम वजन वाले बच्चों में कुपोषण के साथ मानसिक एवं शारीरिक विकास की दर प्रारंभ से उचित देखभाल के आभाव में कम हो सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए नवजात के डिस्चार्ज होने के बाद भी उनका नियमित फोलोअप किया जाता है। एएनएम एवं मितानिनों द्वारा शिशुओं को 3 माह से 1 वर्ष तक त्रैमासिक गृह भ्रमण कर देखभाल की जाती है।