Story of Pushpalata: पहले मेरे वाशिंग पाउडर को इस्तेमाल करो, फिर विश्वास करो

दुर्ग: पथरिया डोमा की पुष्पलता की कहानी उद्यम का सपना लिये उन महिलाओं के लिए प्रेरक साबित हो सकती है जिनके मन में काफी उत्साह और मेहनत करने के लिए काफी ऊर्जा है। पुष्पलता पारकर ने साल भर पहले ही पंचायत विभाग से ट्रेनिंग लेकर वाशिंग पाउडर बनाने का काम सीखा। अपना ब्रांड काफी अच्छा हो, इसके लिए क्वालिटी में काफी मेहनत की। फिर गांव-गांव अपने प्रोडक्ट को लेकर घूमी।

शुरूआती दौर में लोगों ने प्रश्न पूछा कि आपसे क्यों लें जब वाशिंग पावडर के दूसरे नेशनल ब्रांड हमारे पास उपलब्ध हैं। तब निरमा की टैगलाइन की तरह ही उन्होंने कहा कि एक बार आप इस्तेमाल कर देखिए, फिर आपको भरोसा होगा कि सस्ती कीमत में यह वाशिंग पाउडर पूरी गुणवत्तायुक्त है।

धीर-धीरे बाजार खड़ा हो गया, फिर सी-मार्ट में भी इनका प्रोडक्ट उपलब्ध होने लगा, आसपास के पंद्रह गांवों में इनका सामान जाने से काफी माँग आने लगी तो इन्होंने बिहान के माध्यम से लोन में ई-रिक्शा खरीद लिया। ई-रिक्शा के जरिए सामान छोड़ती हैं, पुष्पलता ने बताया कि वह खुद ई-रिक्शा चलाती हैं, कहती हैं अभी काम और बढ़ाना है।

पुष्पलता ने बताया कि यह काम करके काफी अच्छा लग रहा है, आत्मविश्वास बढ़ गया है। हमारी एक ट्रेनिंग हुई थी, ट्रेनिंग में बताया गया कि आप बाजार में तभी लंबे समय तक रह सकते हैं जब सस्ती कीमत में अच्छी चीजें दें, मैं गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं करती। कड़ी मेहनत करती हूँ इसलिए पैसे भी बचते है।

पुष्पलता केवल अपने बिजनेस में निवेश नहीं कर रही। वे अपने बच्चों के सुनहरे भविष्य में भी निवेश कर रही हैं। उनकी बेटी ख्याति स्वामी आत्मानंद स्कूल बोरी में पढ़ रही है। ई-रिक्शा से उन्हें एक लाभ और हुआ है, ई-रिक्शा के माध्यम से वो सैजेस के बच्चों को भी स्कूल तक छोड़ती हैं।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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