टाटा ट्रस्ट्स ने चंद्रशेखरन को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी, SP ग्रुप को बाहर करने की तैयारी तेज

नई दिल्ली: टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में बड़ा बदलाव हो सकता है। टाटा ट्रस्ट्स ने कंपनी के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन को यह जिम्मेदारी दी है कि वह टाटा संस के सबसे बड़े माइनॉरिटी शेयरहोल्डर, शापूरजी पालोनजी (SP) ग्रुप से बातचीत कर उनके लिए एग्जिट प्लान तैयार करें।
क्यों जरूरी हुआ एग्जिट प्लान?
SP ग्रुप के पास टाटा संस में 18.37% हिस्सेदारी है। 1928 से चली आ रही इस साझेदारी में दरार तब आई जब साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाया गया। इसके बाद कानूनी लड़ाई और वैल्यूएशन विवाद ने रिश्तों को और बिगाड़ दिया।
लिस्टिंग से बचना चाहती है टाटा संस
हाल ही में RBI ने टाटा संस को 30 सितंबर तक स्टॉक मार्केट में लिस्ट होने का आदेश दिया है। अगर लिस्टिंग होती है, तो SP ग्रुप को बाहर निकलने का मौका अपने आप मिल जाएगा।
लेकिन टाटा ट्रस्ट्स चाहते हैं कि टाटा संस प्राइवेट ही रहे। इसी वजह से पिछले तीन सालों में कंपनी ने लगभग 30,000 करोड़ रुपये का कर्ज चुका दिया और प्रेफरेंस शेयर भी वापस ले लिए।
रतन टाटा का अधूरा काम
रतन टाटा के समय SP ग्रुप ने बाहर निकलने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उस समय टाटा ट्रस्ट्स ने इसे ठुकरा दिया था। अब टाटा ट्रस्ट्स ने पहली बार खुलकर कहा है कि चंद्रशेखरन SP ग्रुप के साथ मिलकर ऐसा रास्ता निकालें, जिससे टाटा संस की मौजूदा स्थिति बनी रहे और आरबीआई के नियमों का पालन भी हो।
आगे क्या?
अगर दोनों पक्षों के बीच समझौता होता है तो SP ग्रुप की हिस्सेदारी का मूल्यांकन तय कर उन्हें बाहर का रास्ता दिया जा सकता है। इस फैसले पर टाटा ग्रुप और भारतीय कॉरपोरेट सेक्टर की नज़रें टिकी हुई हैं।



