फिजियोथेरेपी कोर्स के लिए आवेदन शुरू, 6 दिसंबर है आखिरी तारीख

रायपुर : फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम में दाखिला शुरू हो गया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग की तरफ से आनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गयी है। जिस भी परीक्षार्थी नेनीट की परीक्षा दी है, वो फिजियोथेरेपी कोर्स में अपना दाखिला ले सकता है। प्रदेश के सबसे उम्दा फिजियोथेरेपी कोर्स के लिए चर्चित अपोलो कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी में भी दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। 6 दिसंबर तक दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।

विस्तृत जानकारी के लिए कॉलेज में भी संपर्क किया जा सकता है। आपको बता दें कि चिकित्सा शिक्षापाठ्यक्रम में विभिन्न कोर्सों में प्रवेश हेतु नीट लिया जाता है। इसी नीट के आधार पर वैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रममें भी प्रवेश लिया जाता है, चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम में ऑनलाईन प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।

इस हेतु चिकित्सा शिक्षा विभाग के वेब पोर्टल में 02 दिसम्बर से छत्तीसगढ़ के समस्त निजी व शासकीय क्षेत्र के फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु शासन द्वारा न्यूनतम अंक की बाध्यता समाप्त कर दी गई है, अर्थात् ऐसे सभी विद्यार्थी जिन्होंने नीट की परीक्षा दी है, तथा बारहवी बायोलाजी से सामान्य वर्ग के लिए 50 प्रतिशत प्राप्त किये है, वे फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए पात्र है। ऐसे समस्त विद्यार्थी जिन्होंने एम.बी.बी.एस. व डेंटल के लिए काउंसिलिंग कर सकते है इस हेतु विद्यार्थी को पुनः शुल्क नहीं देना होगा।

ऐसे विद्यार्थी को वेवपोर्टल में बी.पी.टी. लॉगिन के बटन दबाने पर ऑलरेडी पेड फेस के बटन को क्लिक करके बिना शुल्क जमा किये आवेदन जमा कर सकते है। ज्ञातव्य है कि बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी साढ़े चार वर्षीय पाठ्यक्रम होता है जिसमें चार वर्ष अध्ययन तथा छह माह का इंटर्नशिप करना होता है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में इस पाठ्यक्रम को संचालित करने वानी दो संस्थाएं हैं, एक शासकीय व दूसरी निजी क्षेत्र की अपोलो कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी, अंजोरा दुर्ग है जो कि विगत 20 वर्षों से संचालित है।

फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 06 दिसम्बर तक है। ऐसे समस्त विद्यार्थियों जो इस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेना चाहते हैं वे इन तिथियों के मध्य चिकित्सा शिक्षा विभाग के वेब पोर्टल में जाकर जानकारी ले सकते है।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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