तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों का होगा ऑनलाईन डाटा बेस सर्वे कार्य
गरियाबंद : छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज (विकास एवं विपणन) संघ द्वारा तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवार के मुखिया एवं उनके आश्रित सदस्यो का अब ऑनलाईन डाटा बेस सर्वे कार्य प्रारंभ किया गया है। गरियाबंद वनमण्डल अंतर्गत आने वाले 70 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के 561 तेन्दूपत्ता संग्रहण केन्द्र (फड़ो) पर भी यह कार्य प्रांरभ होना है। ऑनलाईन डाटा बेस सर्वेक्षण कार्य प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियो के प्रबंधको, फड़मुंशियो, सी.एस.सी. के चिन्हाकित बी.एल.ई के माध्यम से किया जाएगा।
इसके लिए वनमण्डल स्तर पर प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियो के प्रबंधको, फड़मुशियो, सी.एस.सी के अधिसूचित बी.एल.ई को प्रशिक्षण दिया गया है। उक्त सर्वेक्षण कार्य में तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवार के मुखिया एवं उनके आश्रितों की संपूर्ण जानकारी संधारित किया जावेगा, उक्त ऑनलाईन डाटा बेस के माध्यम से तेन्दूपत्ता संग्राहकों को तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक भुगतान, बोनस भुगतान महेन्द्र कर्मा सामाजिक सुरक्षा योजना, समूह बीमा योजना एवं संग्राहक परिवार को बच्चों दी जाने वाली छात्रवृत्ति राशि जैसे योजनाओं को जोड़ा जायेगा।
जिला वनोपज सहकारी संघ मर्यादित गरियाबंद के प्रबंध संचालक से मिली जानकारी अनुसार ऑनलाईन डाटाबेस सर्वेक्षण कार्य के समय तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवार के मुखिया को तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्ड, आधार कार्ड, बैंक पास बुक, ई-केवायसी (आधार से जुडा) हुए रिपोर्ट, राशन कार्ड एवं उनके आश्रिमि सदस्यों का आधार कार्ड लेकर समिति के चिन्हाकिंत फड़ो पर उपस्थित होना अनिवार्य है। ऑनलाईन डाटाबेस के प्रचार-प्रसार हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के माध्यम से जिले के सभी ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत, जनप्रतिनिधि एवं पचायत कर्मचारी (सचिव/रोजगार सहायकों) को आवश्यक सहयोग हेतु लेख किया गया है, साथ ही फड़ स्तर पर सर्वे कार्य प्रारंभ होने के पूर्व प्रत्येक ग्राम में संग्राहक सर्वेक्षण के प्रचार-प्रसार हेतु ग्राम कोटवार के माध्यम से मुनादी कार्य भी कराया जा रहा है।
वनमण्डलाधिकारी मयंक अग्रवाल के द्वारा सभी तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवार से अपील किया गया है कि सभी संग्राहक ऑनलाईन डाटाबेस सर्वे के वक्त उपस्थित होकर सही जानकारी सीएससी के चयनित बी.एल.ई को उपलब्ध करावे, यदि कोई संग्राहक उक्त ऑनलाईन डाटाबेस नही कराने की स्थिति में भविष्य में विभाग द्वारा मिलने वाले योजना के लाभ से वंचित होना पड़ सकता है।