क्या हैं हलाल-सर्टिफाइड प्रोडक्ट? जिस पर यूपी सरकार ने लगाया बैन
नई दिल्ली/सूत्र: उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेट से जुड़े खाद्य उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने शनिवार को प्रतिबंध से जुड़ा आदेश जारी किया। इस आदेश के मुताबिक, हलाल सर्टिफिकेट वाले खाद्य उत्पादों के निर्माण, भंडारण, वितरण और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में यदि कोई हलाल सर्टिफिकेट के साथ दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों का निर्माण, भंडारण, वितरण और खरीद-फरोख्त करता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
हलाल, हराम और इस्लाम
हलाल एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ है ‘जायज’ या ‘मुनासिब’ इस्लाम धर्म में भोजन के सन्दर्भ में दो चीजों का प्रयोग किया जाता है- हलाल और हराम, हलाल का अर्थ है वह भोजन जो इस्लामी परंपराओं, मान्यताओं और मान्यताओं के अनुसार तैयार किया गया हो। वहीं हराम का मतलब ऐसा खाना है जो इस्लाम में वर्जित है। हराम के दायरे में मुख्य रूप से दो चीज़ें आती हैं- पोर्क (सुअर का मांस) और शराब।
अब अगर हम भारत की बात करें तो यहां हलाल का इस्तेमाल मुख्य रूप से चिकन या मटन काटने की तकनीक के संदर्भ में किया जाता है। भारत में, मांस को दो तरीकों से संसाधित किया जाता है – हलाल और झटका, हलाल में मांस (चाहे वह चिकन हो या मटन) की गले की नस (कैरोटीड धमनी) पर केवल एक कट लगाया जाता है, ताकि सारा खून बाहर आ जाए, हलाल करते समय जानवर जीवित और स्वस्थ होना चाहिए। वहीं झटका तकनीक में जानवर की गर्दन पर वार कर उसे मार दिया जाता है। हिन्दू और सिख धर्म के कई अनुयायी झटका मांस को प्राथमिकता देते हैं। जबकि झटका मांस इस्लाम में प्रतिबंधित है।
क्या है हलाल सर्टिफिकेट?
अब बात करते हैं हलाल सर्टिफिकेट की. हलाल सर्टिफिकेट का सरल अर्थ यह है कि यह उपभोक्ताओं को यह बताता है कि संबंधित उत्पाद हलाल माने जाने के लिए आवश्यक मानकों को पूरा करता है या नहीं। अगर किसी उत्पाद पर हलाल सर्टिफिकेट का जिक्र है तो यह जरूरी नहीं है कि उस प्रोडक्ट में मीट है या मांस का कोई लेना-देना है।
भारत में कौन देता है सर्टिफिकेट?
भारत में हलाल सर्टिफिकेट देने के लिए कोई आधिकारिक या सरकारी संस्था नहीं है। कई निजी कंपनियां और एजेंसियां व्यक्तिगत हलाल प्रमाणपत्र प्रदान करती हैं। इन कंपनियों की वैधता, विशेष रूप से मुस्लिम उपभोक्ताओं के बीच उनकी मान्यता, या इस्लामी देशों के साथ उनकी संबद्धता पर निर्भर करती है।
उदाहरण के लिए, हलाल सर्टिफिकेट प्रदान करने वाली भारत की अग्रणी कंपनी ‘हलाल इंडिया’ अपनी वेबसाइट पर दावा करती है कि वह किसी भी उत्पाद को लैब परीक्षण और विभिन्न ऑडिट के बाद ही हलाल सर्टिफिकेट देती है। हलाल इंडिया का सर्टिफिकेट कतर, यूएई और मलेशिया जैसे देशों द्वारा मान्यता प्राप्त है।
क्यों पड़ती है हलाल सर्टिफिकेट की जरूरत?
भारत में किसी भी खाद्य पदार्थ या अन्य उत्पाद को बेचने के लिए हलाल प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है। यहां खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) और अन्य नियामक संस्थाओं के मानकों को पूरा करना होगा। जबकि विदेशों खासकर इस्लामिक देशों में सभी उत्पादों के लिए हलाल सर्टिफिकेट होना जरूरी है। इसीलिए कंपनियां हलाल सर्टिफिकेट लेती हैं।