फूलों की खेती से महका महिलाओं का जीवन

रायपुर : परम्परागत् खेती की जगह आधुनिक खेती फायदे का सौदा साबित हो रही हैं। इससे कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत तुड़गे के गौठान में काम कर रही महिलाओें की जिन्दगी भी अब महकने लगी है। शीतला स्व-सहायता समूह की इन महिलाओं ने तुड़गे के गौठान की महज 04 डिसमिल भूमि में कृषि विभाग के तकनीकी मार्गदर्शन एवं सहयोग से पहली बार गेंदा फूल के टेनिस बॉल किस्म की खेती शुरू की है। पहली बार में ही महिलाओं को अच्छा मुनाफा हो रहा है।

समूह की महिलाएं औसतन 100 रुपए प्रति किलो की दर से गेंदा फूल की बिक्री कर रही हैं। उन्होंने अब तक 150 किलोग्राम फूल बेच कर 15 हजार रुपए कमाए हैं। महिलाओं ने बताया कि करीब 300 किलोग्राम से अधिक फूलों का उत्पादन होने की संभावना है, जिससे समूह को अच्छी आमदनी मिलेगी। इस सफलता से इन महिलाओं के चेहरे की खुशी दोगुनी हो गई है।

महिला समूह की सक्रिय सदस्य सुलोचना रावटे, शांति नेताम, मालती नरेटी, मंगतीन नेताम, बृजबत्ती, गिरजा बाई और विमला ने बताया कि गौठान में वर्मी खाद उत्पादन के अलावा पहली बार ट्रायल के रूप में गेंदा फूल की खेती  की जा रही है। खेती के लिए टेनिस बॉल नाम के गेंदा फूल की हाइब्रिड वैरायटी के बीज को मंगवाया गया है। इसके लिए पहले नर्सरी तैयार की गई तथा रोपाई के बाद फूलों की हार्वेस्टिंग की गई। उन्होंने बताया कि फूलों की खेती में खास बात यह है कि इससे कम पानी, कम लागत और कम मेहनत में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। गेंदा फूल की मांग भी वर्षभर बनी रहती है। उन्होंने अपने नए रोजगार एवं हो रही आमदनी के लिए राज्य सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है।

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया गया कि टेनिस बॉल गेंदा फूल पौधे की हाइट 3 से 4 फुट की होती है। तीन माह में फूल आना शुरू हो जाता है और पैदावार भी अधिक होती है। गेंदा फूल की खेती में अधिक मुनाफा है, इसकी डिमांड भी अच्छी है। उन्होंने बताया कि गोधन न्याय योजना के तहत बनाए गए गौठानों के माध्यम से स्व-सहायता समूहों के महिलाओं को आजीविका गतिविधियों एवं स्वरोजगार से जोड़कर आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा रहा है। महिला समूह भी वर्मी-कम्पोस्ट खाद उत्पादन के साथ गेंदा फूल की खेती में काफी रूचि ले रही हैं।

Show More

KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

Related Articles

Back to top button
Translate »