छत्तीसगढ़ में जल्द ही शुरू होगा ग्रामीण उद्योग केंद्रों की स्थापना का कार्य

रायपुर : गांवों में रोजगार सृजन के अवसर बढ़ाने और किसानों, युवाओं, महिलाओं को उन्हीं के गांवों में नवाचार और उद्यम से जोड़ने की फ्लैगशिप योजना रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के अंतर्गत ग्रामीण उद्योग केंद्रों की स्थापना के लिए रूपरेखा तैयार करने कार्यशाला का आयोजन राज्य योजना आयोग द्वारा योजना भवन नवा रायपुर में किया गया। शुक्रवार को आयोजित इस कार्यशाला में ग्रामीण उद्योग केंद्रों के कार्यक्षेत्र क्रियान्वयन के सबंध में विस्तृत चर्चा की गई। इस मौके पर विभिन्न विभाग के उपस्थित अधिकारियों ने रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के क्रियान्वयन एवं संचालन पर अपने सुझाव दिए, इसके आधार पर योजना के आगामी क्रियान्वयन के लिए रणनीति को अंतिम रूप देने पर भी गहन विमर्श हुआ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह ने कहा कि सरकार के घोषणा पत्र में के केन्द्र में किसान न्याय योजना और नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना का महत्वपूर्ण उल्लेख है। जिसका ज़मीनी स्तर पर क्रियान्वयन सुनियोजित ढंग से हो रहा है। इसकी चर्चाएं राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। हमारी योजना को अन्य राज्यों ने अपने यहां लागू करने, विचार करने के उद्देश्य से टीमें छत्तीसगढ़ आ रही हैं।

सिंह ने कहा कि रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में हम गौठानों को ग्रामीण अर्थव्यवस्था का केंद्र बिंदु बनाना चाहते हैं, जिसमें स्थानीय स्तर पर संग्रहण, उत्पादन, प्रसंस्करण एवं विपणन की व्यवस्था की जा सके। युवा किसानों को उद्यम नवाचार से जोड़ने, गांव के पढ़े-लिखे युवा जो गांव में ही रहकर कुछ स्टार्टअप करना चाहते हैं, उन्हें दिशा देना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना हमारा प्राथमिक उद्देश्य है।

मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने बताया कि हम गौठानों को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के रीढ़ के रूप में स्थापित करना चाहते हैं, प्रथम चरण में गौठानों में गाय के संधारण, गाय से संबंधित इंडस्ट्रीज के लिए कार्य हुआ। अब हम दूसरे चरण में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क का विकास करेंगे। 85 हजार महिलाओं ने मिलकर 56 लाख क्विंटल गोबर खाद का उत्पादन किया है, वर्तमान में देश में किसी भी अन्य राज्य की तुलना में सबसे ज्यादा 20 लाख क्विंटल ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर हमारे पास तैयार सुरिक्षत है। महिला समूहों को अब तक 36 करोड़ रुपए की आमदनी हुई है।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना ने प्रदेश के किसानों को समृद्ध किया है, अब रूरल इंडस्ट्रियल पार्क यंग जनरेशन को उद्यम हेतु प्रेरणा देने एवं समावेशी आर्थिक उत्थान केन्द्रित योजना है। हम इन जगहों पर जमीन, बिजली, पानी, शेड, बैंकिंग लिंकेज, प्रशिक्षण एवं कौशल उन्नयन, स्टोरेज, व्यावसायिक सुविधा विकसित करेंगे। इस योजना में राज्य स्तर पर नवा सेवाग्राम सोसाइटी, जिला स्तर पर गांधीग्राम, ब्लॉक स्तर पर ग्रामीण आर्थिक क्षेत्र, पंचायत स्तर पर रूरल इंडस्ट्रियल पार्क का चैनल बनाकर कार्य करेंगे।

कार्यशाला के अगले सत्र में राज्य के विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि अधिकारियों ने अलग-अलग विषयों पर अपनी बात रखी, जिसमें ट्राइबल क्षेत्रों में विशेष रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के महत्व, प्रशिक्षण एवं कौशल उन्नयन, रोजगार की सुनिश्चितता, मार्केट डिमांड के अनुरूप उत्पादन, गुणवत्ता मानकों, विकास एवं इनफ्रास्ट्रक्चर, खरीदी एवं भण्डारयण नियमों में शिथिलीकरण, परिवहन एवं क्षेत्रीय महत्व के आधार पर अनेक बिंदुओं पर प्रश्न एवं सुझाव दिए। 

रूरल इंडस्ट्रियल पार्क फ्लैगशिप योजना के प्रमुख संचालक डॉ. आलोक शुक्ला ने कहा कि हमें ज़मीनी स्तर पर योजना के क्रियान्वयन और प्रभावोत्पादक को देखते हुए कार्य करना है। साथ ही प्रस्तावित परियोजना अपने लक्ष्य को व्यवहारिक रूप से निर्धारित समय सीमा में प्राप्त कर सके इसके लिए हम सब को विशेष ध्यान देना होगा। सभी विभागों को यह सुनिश्चित करना होगा कि जिन क्षेत्रों में वे प्रशिक्षण करवा रहे हैं, उन प्रशिक्षित प्रशिक्षुओं को शत-प्रतिशत रोजगार मिले। इसके लिए जरूरी है कि हमारा उत्पाद गुणवत्ता के पैमाने पर खरा एवं प्रतिस्पर्धी गुणवत्ता का हो, ताकि बाजार में उपभोक्ताओं के लिए उपयोगी हो सके।

रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना का उद्देश्य गांवों को मजबूत अर्थव्यवस्था संचालित करने के लिए तैयार करना है। ग्रामीण युवाओं को अपने ही गांव में रोजगार मिले, वे नवाचार की ओर प्रेरित हों, उद्यम स्थापना के लिए प्रोत्साहित हों। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए हमें रोजगारोन्मुखी नीतियों पर काम करना होगा जो परिणाममूलक हों। डॉ. शुक्ला ने उपस्थित विभागीय अधिकारियों से अपना शत-प्रतिशत देते हुए कार्य करने की बात कही।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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