GST स्लैब में होगा बड़ा बदलाव, कई सामान हो जाएंगे महंगे

सूत्र /नई दिल्ली: आम आदमी पर महंगाई का एक और असर पड़ने वाला है. GST काउंसिल की अगली बैठक में मोदी सरकार बड़ा ऐलान कर सकती है. अब जीएसटी के सबसे निचले स्लैब को 5 फीसदी से बढ़ाकर 8 फीसदी करने की योजना तैयार की गई है. आपको बता दें कि पेट्रोल-डीजल, कुकिंग ऑयल के बाद अब मोदी सरकार जीएसटी के सबसे निचले स्लैब पर टैक्स की दर बढ़ाने जा रही है. अब जीएसटी के सबसे कम पांच फीसदी के स्लैब को बढ़ाकर 8 फीसदी करने की योजना है. इस फैसले का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में इस फैसले को मंजूरी मिल सकती है। जीसीएटी परिषद की बैठक इस महीने के अंत या अगले महीने की शुरुआत में होने वाली है।

वर्तमान में, बिना ब्रांडेड और बिना पैकेज वाले खाद्य पदार्थ और डेयरी आइटम देश में जीएसटी के दायरे से बाहर हैं। डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ जैसे चीनी, तेल, मसाले, कॉफी, कोयला, मछली के छिलके, उर्वरक, चाय, आयुर्वेदिक दवाएं, हस्तनिर्मित कालीन, अगरबत्ती, काजू, मिठाई, लाइफबोट और अनब्रांडेड बुनियादी सामान के साथ-साथ स्नैक्स जीएसटी के 5% स्लैब में और जीवन रक्षक दवाएं भी शामिल हैं। लेकिन, अब अगर टैक्स 8 फीसदी है तो इन सामानों की कीमत बढ़ जाएगी।

राज्यों के वित्त मंत्रियों की एक समिति इस महीने के अंत तक अपनी रिपोर्ट जीएसटी परिषद को सौंप सकती है। इसमें सरकार के राजस्व को बढ़ाने के लिए अलग-अलग कदम सुझाए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि जीएसटी की न्यूनतम दर 5 फीसदी से बढ़ाकर 8 फीसदी करने से सरकार को 1.50 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त सालाना राजस्व मिल सकता है. एक प्रतिशत की वृद्धि से सालाना 50,000 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न हो सकता है। इस स्लैब में मुख्य रूप से पैकेज्ड फूड आइटम शामिल हैं।

मौजूदा समय में देश में चार तरह की जीएसटी दरें 8, 18 और 28 फीसदी हैं। अगर प्रस्ताव अगले महीने पास हो जाता है तो सभी वस्तुओं और सेवाओं पर फिलहाल 12 फीसदी कर लगता है, जो तब 18 फीसदी के स्लैब में आएगा। बता दें कि लग्जरी उत्पादों पर सबसे ज्यादा टैक्स लगता है। विलासिता और सिन (गुड्स) के सामान 28 प्रतिशत स्लैब से ऊपर उच्चतम उपकर को आकर्षित करते हैं। इस उपकर संग्रह का उपयोग जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए किया जाता है।

बता दें कि फरवरी 2022 में जीएसटी कलेक्शन बढ़कर 1 लाख 33 हजार 26 करोड़ रुपये हो गया है। जीएसटी रिकवरी का यह आंकड़ा फरवरी 2021 के मुकाबले 18 फीसदी ज्यादा है। वहीं फरवरी 2020 के मुकाबले 26 फीसदी कलेक्शन बढ़ा है। यह लगातार पांचवां महीना है जब जीएसटी कलेक्शन 1.30 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है, इसके बावजूद जीएसटी के स्लैब को बढ़ाने की योजना तैयार की गई है।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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