मौसमी बीमारियों से पशुओं की देखभाल एवं उचित रखरखाव हेतु प्रशिक्षण

सुकमा : प्रदेश में अचानक बढ़ी ठंड का असर जन जीवन के साथ मवेशियों पर भी साफ नजर आ रहा है। पशुधन विकास विभाग के उप संचालक डॉ.शेख जहीरुद्दीन ने तापमान में आयी गिरावट को देखते हुए पशुओं की उचित देखरेख की आवश्यकता बताई है। पशुधन विकास विभाग सुकमा द्वारा जिले के मवेशियों को ठंड के प्रभाव से बचाने की कवायद की जा रही है। रामाराम के ग्रामीणों से मिली मवेशियों के मृत्यु की जानकारी को देखते हुए पशु चिकित्सा विभाग द्वारा टीम का गठन कर क्षेत्र का दौरा निरंतर रूप से किया जा रहा है। टीम द्वारा क्षेत्र में डोर टू डोर सर्वे कर मवेशियों का टीकाकरण, उपचार व औषधि वितरण किया जा रहा है।
सर्द मौसम में पशुओं को भी गर्म बिछौना जरूरी – डॉ एस जहीरूद्दीन, उपसंचालक पशुधन विकास ने बताया कि गत सप्ताह रामाराम में कुछ बकरियां मौसमी बीमारी से ग्रस्त थी जिनका लगतार उपचार किया गया। उन्होंने बताया कि मौसम में आए बदलाव के कारण बकरियों सहित अन्य पशुओं के अच्छी देखभाल की जरूरत है। मौसम के अनुरूप मवेशियों के रहने के स्थान को साफ सुथरा, गर्म एवं भरपूर चारे की व्यवस्था किया जाना आवश्यक है। विभाग द्वारा दौरा कर पशुपालकों को निरंतर रूप से मवेशियों के रखरखाव के संबंध में जानकारी दी जा रही है।
डॉ जहीरूद्दीन ने बताया कि मवेशियों का बाड़ा साफ सुथरा, आरामदायक एवं ठंड से बचाव प्रदान करने वाला होना चाहिए। मवेशियों के बिछावन के लिए सूखी घास एवं ठंडी हवाओं से बचाव हेतु बोरे के पर्दे का उपयोग किया जाना चाहिए। इसके साथ ही फर्श की नियमित तौर पर साफ सफाई करना आवश्यक है, जिससे मवेशियों के पेशाब व गोबर से संक्रमण का खतरा ना रहे। पशुधन विकास विभाग द्वारा गठित टीम में पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ डॉ सुमेर सिंह, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी श्री हीरालाल बघेल सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी सम्मिलित है। टीम सतत् तौर पर रामाराम सहित अन्य गांवों में जाकर पशुओं का उपचार कर रही है। इसके साथ ही टीकाकरण एवं औषधि वितरण किया जा रहा है।