कोविड-19 के उन्मूलन में हरित प्रौद्योगिकी की भूमिका- डॉ.शिवलता
छुरा : आईएसबीएम विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय तथा विज्ञान क्लब के सयुक्त तत्वधान में 7 और 8 जनवरी, 2022 को दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन ऑनलाइन मोड में एडवांसेज इन बायोडायवर्सिटी एंड ग्रीन टेक्नोलॉजी पर विशेषज्ञों के द्वारा व्याख्यान चल रहा है।
आज के इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ.एल.शिवलता साइंटिस्ट-बी जीएमसी शहडोल, ने मानव वायरस का अवलोकन पर अपना पक्ष रखी। प्रो.आरके अग्रवाल, प्रिसिपल जीएनपीजी कॉलेज रायपुर, ने सामान्य परिचय और भारत जैव विविधता का प्रमुख खतरा से परिचय कराया।
डॉ ईश्वरी प्रसाद चेलक, इंचार्ज प्रिंसिपल जीएमवीपीजी महासमुंद, ने अपने वक्तव्य में जेरोफाइट पौधे के बारे में बताएं। आमंत्रित वक्ता डॉ. एनके स्वामी ने हरित प्रौद्योगिकी और सतत विकास पर तथा डॉ पूनम वर्मा आईएसबीएम विश्विद्यालय छुरा गरियाबंद, बायोजेनिक के लिए अवशेष पर वक्तव्य दिए। वहीं अगली कड़ी में शोध छात्र आरके देशमुख ने हरित प्रौद्योगिकी मंस ल्यूमिनिसेंस की भूमिका पर एवं एचएन टंडन ने गरियाबंद में तितली विविधता व सिंपल पाटिल ने लाइकेन में इंडिया की महत्वपूर्ण भूमिका पर अपना शोध प्रस्तुत किये।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आनंद महलवार, कुलसचिव डॉ.बी.पी.भोल एवं अकादमिक अधिष्ठाता डॉ.एन.कुमार स्वामी, डॉ भूपेंद्र साहू DSW एवं वि.वि. के छात्र एवं शिक्षकगण भी ऑनलाइन मोड पर उपस्थित रहें। कार्यक्रम समन्वयक के रूप में भी उपस्थित – डॉ. शोहन लाल साहू और अरुण कुमार सिंह तकनीकी सहायता कामेश यादव प्रबंधन- गोकुल प्रसाद साहू, हेमंत पांडे, सुनील साहू, रेखा और ललिता।