औद्योगिक तथा उद्यम विकास के लिए संगोष्ठी का आयोजन

समावेशी विकासआत्मनिर्भर एवं परिपक्व अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए प्रशासन की पहल

बलरामपुर :  समावेशी विकासआत्मनिर्भर एवं परिपक्व अर्थव्यवस्था के निर्माण हेतु जिले की क्षमताओं एवं प्राकृतिक संसाधनों का पूर्ण सदुपयोग करने तथा उद्यमी एवं उद्यमिता विकास और निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से औद्योगिक संगोष्ठी आयोजित की गई।

संगोष्ठी में जिले में उद्यमिता विकास के लिए संभावनाओंऔद्योगिक नीति 2019-24 के माध्यम से उद्योगों के विकास के लिए दी जाने वाली सहायता की विस्तृत जानकारी निवेशकोंयुवाओं तथा उद्यमियों से साझा की गई। संसदीय सचिव तथा सामरी विधायक श्री चिंतामणि महाराजसरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष तथा रामानुजगंज विधायक श्री बृहस्पत सिंहकलेक्टर श्री श्याम धावड़े तथा पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू के उद्बोधन के साथ ही संगोष्ठी की शुरुआत हुई। संगोष्ठी में सिटकॉन के एमडी श्री पी के निमोणकर द्वारा नई औद्योगिक नीति 2019-24 के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए औद्योगिक विकास के लिए इसमे किये गए प्रावधानों तथा उद्यमियों को मिलने वाले लाभ के बारे में बताया। बलरामपुर में औद्योगिक विकास में अपार संभावनाएं है तथा इन्हीं संभावनाओं को अवसर में तब्दील करना ही संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य है। संगोष्ठी में सीमावर्ती राज्यों तथा छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में उद्यमी तथा निवेशक पहुंचे थे। यह पहला मौका था जब जिले में निवेशकों तथा उद्यमियों को आकर्षित करने के लिए संगोष्ठी आयोजित की गई है।

उदबोधन सत्र में विधायक श्री चिंतामणि महाराज ने कहा कि बड़े उद्योगों से क्षेत्रवासियों को रोजगार मिलता है तथा उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आता है। किन्तु बलरामपुर की भौगोलिक आवश्यकताओं तथा संसाधनों को देखते हुए कुटीर उद्योगों जैसे मसाला उद्योगपरम्परागत बांस शिल्प तथा स्थानीय संसाधनों पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए।  साथ ही इन्हें बैंक से आसानी से ऋण उपलब्ध हो यह सुनिश्चित किया जाए। विधायक श्री चिन्तामणी महाराज ने कहा कि शासन के मंशानुरूप ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में लघु कुटीर उद्योगों का महत्वपूर्ण स्थान हो सकता है इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। परम्परागत तथा वनों पर आधारित उद्योगों में अपार संभावनाएं हैं तथा इन कार्यों  में संलग्न कुशल व्यक्तियों को महत्व देना चाहिए ताकि हमारे ट्रेडिशनल नॉलेज का फायदा समाज को मिले।

बड़े उद्योग जहां एक ओर रोजगार और आर्थिक स्थिति में सुधार लाते हैं वही कुटीर उद्योग में एक भावनात्मक पक्ष होने के साथ-साथ आजीविका के प्रारंभिक स्रोत के रूप में स्थापित है इसमें केवल मार्केटिंग की आवश्यकता है ताकि उनके द्वारा तैयार माल को आसानी से बाजार मिल पाए। सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष तथा रामानुजगंज विधायक श्री बृहस्पति सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि समय के साथ जिले ने विकास का लम्बा रास्ता तय किया है लेकिन अभी भी संभावनाओं की कमी नहीं है। उन्होंने औद्योगिक विकास के अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि सूरजपुर स्थित शक्कर कारखाना के निर्माण से आसपास के क्षेत्रों का विकास हुआ है तथा गन्ना कृषक आर्थिक रूप से सबल हुए हैं। विधायक श्री सिंह ने कहा कि वर्तमान औद्योगिक नीति में शासन ने उद्योगों के विकास के लिए उद्यमियों को अनेक सुविधाएं प्रदान की है तथा आर्थिक सहयोग के भी प्रावधान किये गये हैं। उद्यमियों के लिए अनुदानस्टाम्प शुल्कबिजली बिल में छुट तथा एकल खिड़की की व्यवस्था की है जिसमें एक ही स्थान पर उद्यमियों के सभी कार्य हो जाते हैं। जो भी निवेशक जिले में नये उद्योग की स्थापना करना चाहते हैं उन्हें शासन/प्रशासन का पूर्ण सहयोग किया जायेगा।

इसके पश्चात कलेक्टर श्री श्याम धावडे़ ने जिले की आधारभूत जानकारी देते हुए कहा कि जिले की अधिकांश आबादी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं। यहां मक्कासरसोंवनोपज के साथ ही उद्यानिकी फसलों की प्रचुरता है इसलिए खाद्य प्रसंस्कण के क्षेत्र को संभावना के रूप में चिन्हित किया गया है। उन्होंने उद्यमियों से कहा कि ग्रामीण अर्थव्यस्था की मजबुती से लेकर जिले में औद्योगिक विकास हेतु प्रशासन पूर्ण सहयोगी की भूमिका में है। जिले में शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार के साथ ही औद्योगिक विकास भी प्रशासन की प्राथमिकता में हैअतः उद्यमियों की हर संभव मदद की जायेगी। उन्होंने कहा कि उद्योग विकास से जिले को नई पहचान मिलेगी और रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे तथा प्रशासन इस दिशा में प्रतिबद्धता के साथ कार्य भी कर रहा है। पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू ने कहा कि बलरामपुर में उद्योग का विकास द्रुत गति से होगा क्योंकि यहां कच्चे माल की सहज उपलब्धता है तथा परिवहन लागत में भी कमी आयेगी। उन्होंने उद्यमियों से कहा सुरक्षा के दृष्टिकोण से उद्योग स्थापित करने में कोई समस्या नहीं है तथा पुलिस प्रशासन का पूर्ण सहयोग मिलेगा।

जिले में उद्योगों की संभावना तथा नई औद्योगिक नीति की उद्यमियों को दी गई जानकारी राज्य शासन के द्वारा गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की थीम पर औद्योगिक नीति 2019-24 तैयार किया गया है। संगोष्ठी में सिटकॉन के एम.डी. श्री पी.आर. निमोणकर द्वारा औद्योगिक नीति तथा मांग आधारित संभावनाओं के आधार पर स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर उद्योगों के स्थापना की जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि जिला औद्योगिक विकास के लिए ‘‘’’ श्रेणी में आता है इसलिए अन्य जिलों की अपेक्षा यहां उद्योग स्थापना के लिए अधिक सहायता प्रदान की जायेगी। श्री निमोणकर ने औद्योगिक नीति 2019-24 के अंतर्गत उद्योग स्थापना पर दिये जाने वाले विभिन्न अनुदानों तथा आर्थिक  सहयोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिले में कृषि तथा उद्यानिकी आधारित  खाद्य प्रसंस्कण की अपार संभावनाएं हैं तथा इससे जुड़े विभिन्न उद्योगों और उनके सह उत्पादो के बारे में जानकारी दी तथा इसे लगाने हेतु शासन से मिलने वाले सहयोग के बारे में बताया। श्री निमोणकर ने उद्यमियों के सवालों के जवाब भी दिये तथा किसी भी प्रकार के सहयोग के लिए सम्पर्क करने को कहा। इस दौरान जिले के विभिन्न विभागों द्वारा उद्यमियों तथा निवेशकों को आकर्षित करने के लिए विभागीय योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी भी दी गई।

फ़ाइल फोटो

इस दौरान अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री प्रवेश पैकराडिप्टी कलेक्टर श्री बालेश्वर रामसहायक संचालक उद्यान श्री पतराम सिंहउपसंचालक कृषि श्री अजय अनंतजिला अग्रणी बैंक अधिकारी श्री आर.के.नायक सहित अधिकारी और विभिन्न राज्यों तथा जिले से आये उद्यमी उपस्थित थे।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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