Vodafone Idea: सरकार का होगा मालिकाना हक, कंपनी में मिलेगी सबसे ज्यादा हिस्सेदारी

नई दिल्ली/सूत्र: घाटे में चल रही कंपनी Vodafone Idea में भारत सरकार सबसे बड़ी शेयरहोल्डर बन जाएगी। टेलीकॉम कंपनी ने कहा है कि वोडाफोन आइडिया में सरकार की 33.44 फीसदी हिस्सेदारी होगी। कंपनी ने कहा कि उसके बोर्ड ने मंगलवार को शेयरों के आवंटन को मंजूरी दे दी है। यह हिस्सा बकाया स्पेक्ट्रम भुगतान पर ब्याज और बकाया एजीआर के एनपीवी को शेयरों में बदलने से सरकार के पास आएगा।

ब्रोकरेज सीएलएसए का अनुमान है कि वीआई के सह-प्रवर्तक यूके के वोडाफोन पीएलसी और भारत के आदित्य बिड़ला समूह के पास क्रमशः वीआई में 31.7% और 18.2% हिस्सेदारी होगी। सरकार को शेयरों के आवंटन के बाद उनकी संयुक्त हिस्सेदारी करीब 50 फीसदी हो जाएगी। वर्तमान में, वीआई में Vodafone UK और ABG की क्रमशः 47.61% और 27.38% हिस्सेदारी है।

वीआई ने मंगलवार शाम बीएसई फाइलिंग में कहा, “बोर्ड ने आज अपनी बैठक में 10 रुपये के अंकित मूल्य के 16,133,184,899 इक्विटी शेयरों को 10 रुपये के निर्गम मूल्य पर आवंटित करने की मंजूरी दे दी है।” ये शेयर कुल 161,331,848,990 रुपए के समायोजन के एवज में भारत सरकार के निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग को दिए जाएंगे। इस आवंटन के बाद कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी 33.44 फीसदी हो जाएगी।

पिछले हफ्ते सरकार ने वोडाफोन आइडिया के बकाया ब्याज को इक्विटी में बदलने का प्रस्ताव दिया था। सरकार ने 16,133.18 करोड़ रुपये के ब्याज को 10 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से इक्विटी में बदलने पर सहमति जताई थी। वोडाफोन आइडिया के प्रमोटरों से आश्वासन मिलने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। प्रमोटरों ने आश्वासन दिया कि वे कंपनी के लिए प्रतिबद्ध हैं और आवश्यक धनराशि डालेंगे।

वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच के वरिष्ठ निदेशक (कॉरपोरेट) नितिन सोनी ने कहा, ‘सरकार और वीआई के इस फैसले से उधारदाताओं को वीआई के मौजूदा बैंक ऋणों को पुनर्वित्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।’ हालांकि टेलीकॉम कंपनी की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए वे नया कर्ज देकर रिस्क नहीं लेंगे। फिच ने कहा कि अगर पुनर्वित्त होता है तो वीआई को टावर कंपनियों और नेटवर्क वेंडरों का बकाया भुगतान करने में मदद मिलेगी। साथ ही कंपनी को अपने 4जी ऑपरेशन को मजबूत करने में भी मदद मिलेगी।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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