क्या सच में कोडाकू बच्चे की मृत्यु का कारण भूखमरी था? देखें रिपोर्ट

रायपुर: अनुविभागीय अधिकारी (रा.) वाड्रफनगर जिला बलरामपुर-रामानुजगंज द्वारा न्यूज पोर्टल Theshooter.in में प्रकाशित खबर ‘कुपोषित कोडाकू बच्चे की भुख से मौत की बात आ रही सामने’  के संबंध में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है, जिसके अनुसार कोडाकू बालक की मृत्यु भूखमरी से नही हुई है। 

जांच प्रतिवेदन में उल्लेखित है कि न्यूज पोर्टल Theshooter.in में प्रकाशित खबर के संबंध में आज अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, मुख्यकार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, खण्ड चिकित्सा अधिकारी द्वारा स्थल निरीक्षण किया गया। स्थल निरीक्षण के दौरान निम्नलिखित बाते उभर कर सामने आयी। मृतक बाबू उम 2 वर्ष पालक विफन राम (नाना) निवासी ग्राम भगवानपुर तहसील वाड्रफनगर की मृत्यु 11 अगस्त को भोर में लगभग 3 बजे हुयी है। मृतक को दिनांक 10 अगस्त 2020 को बुखार एवं उल्टी-दस्त से पीड़ित होने के पश्चात् समीप के ही ग्राम पंचायत बरतीखुर्द के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में लाया गया था और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र वरतीखुर्द के प्रभारी डा. संजय पालेश्वर के द्वारा उपचार किया जा रहा था। प्राथमिक उपचार उपरांत डा संजय पालेश्वर के द्वारा बीमारी से संबंधित दवाईया देकर मृतक को उसके नाना विफन राम के साथ वापस उसके निवास भेज दिया गया था। मृतक के नाना विफनराम के अनुसार  11 अगस्त को भोर में लगभग 2 बजे तीव्र गति से मृतक को बुखार एवं उल्टी-दस्त होने लगा, परंतु बिफनराम के पास न ही वाहन सुविधा थी और न ही मोबाईल फोन था, जिस कारण विफन राम किसी भी स्वास्थ्य कर्मचारी से सम्पर्क अथवा मृतक को अस्पताल ले जाने में असमर्थ था।न्यूज पोर्टल में प्रकाशित खबर के अनुसार मृतक की मृत्यु का कारण भूखमरी था। 

इस संबंध में जांच में यह बात स्पष्ट होती है कि मृतक की मृत्यु का कारण भुखमरी नहीं है। ग्राम भगवानपुर के सरपंच के द्वारा सद्भावना पूर्वक कार्य करते हुये प्रतिमाह 10 कि.ग्रा. चावल एवं दाल विफन राम को उपलब्ध कराया जाता रहा है। आज ग्राम के सरपंच एवं सचिव के द्वारा मृतक के नाना विफन राम को 50 किलोग्राम चावल, 5 किलोग्राम दाल, 5 किलोग्राम आलू व 1 लीटर सरसों तेल प्रदाय किया गया है। साथ ही फूड इंस्पेक्टर को निर्देशित किया गया है कि 2 दिवस के भीतर ग्राम पंचायत भगवानपुर के सभी कोडाकू परिवारों के लिये राशन कार्ड जारी किया जाये।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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