सिर्फ एक आदत और बढ़ जाता है ये जानलेवा खतरा – आप भी तो नहीं कर रहे गलती?

नई दिल्ली/सूत्र : हममें से ज्यादातर लोग आवाज़ में होने वाले बदलाव को गंभीरता से नहीं लेते। ठंड लग जाना, ज्यादा बोलने या एसिडिटी को हम इसकी वजह मानकर चल देते हैं। लेकिन अगर आवाज़ में भारीपन या खराश दो हफ्ते से ज्यादा बनी रहे, तो यह गले के कैंसर का संकेत हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस स्थिति में तुरंत जांच करवाना जरूरी है।
डॉ. अक्षत मलिक, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, हेड एंड नेक ऑन्कोलॉजी, रोबोटिक सर्जरी, मैक्स अस्पताल, साकेत के मुताबिक गले का कैंसर या लैरिंजियल कैंसर आमतौर पर वॉयस बॉक्स (लैरिंक्स) में शुरू होता है और तंबाकू सेवन से इसका सीधा संबंध है। चाहे सिगरेट पीना हो, गुटखा खाना हो या स्नफ का इस्तेमाल, ये सभी आदतें इस खतरनाक बीमारी को न्योता देती हैं। अगर तंबाकू के साथ शराब का सेवन भी किया जाए, तो खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
भारत में तंबाकू चबाने की आदत के कारण मध्यम आयु वर्ग के पुरुषों में गले का कैंसर तेजी से बढ़ रहा है। समय पर लक्षणों को पहचानकर जांच करवाने से न सिर्फ आवाज़ बचाई जा सकती है, बल्कि जान भी। आइए जानते हैं इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय।
आवाज़ में बदलाव: पहला और सबसे अहम लक्षण
गले के कैंसर का सबसे पहला और प्रमुख लक्षण आवाज़ में लगातार बदलाव है। अगर आपकी आवाज़ दो हफ्ते से ज्यादा समय तक भारी या खराब बनी रहे, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह वॉयस बॉक्स में ट्यूमर का संकेत हो सकता है। कई लोग इसे सामान्य सर्दी-जुकाम समझकर अनदेखा कर देते हैं, जो बाद में गंभीर समस्या बन जाता है।
तंबाकू और शराब: गले के कैंसर के प्रमुख कारण
तंबाकू चबाना, सिगरेट पीना या शराब का सेवन गले के कैंसर के सबसे बड़े कारण हैं। तंबाकू में मौजूद हानिकारक केमिकल्स गले की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। शराब के साथ तंबाकू का सेवन करने वालों में यह खतरा और भी ज्यादा होता है।
निगलने में दिक्कत और गले में दर्द: अन्य चेतावनी संकेत
गले के कैंसर के अन्य लक्षणों में निगलने में तकलीफ, लगातार गले में दर्द और कान में दर्द शामिल हैं। कई बार गर्दन में गांठ भी महसूस हो सकती है। ये लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
जांच और निदान: कैसे पता लगाएं?
गले के कैंसर की जांच के लिए डॉक्टर एंडोस्कोपी या बायोप्सी कर सकते हैं। एंडोस्कोपी में एक पतली ट्यूब के जरिए गले के अंदर का निरीक्षण किया जाता है। अगर कोई संदिग्ध घाव दिखे, तो बायोप्सी की जाती है। समय पर जांच से इलाज आसान हो जाता है।
तंबाकू छोड़ना: सबसे बड़ा बचाव
गले के कैंसर से बचने का सबसे अच्छा तरीका तंबाकू और शराब का सेवन बंद करना है। तंबाकू छोड़ने के कुछ ही समय बाद शरीर की मरम्मत प्रक्रिया शुरू हो जाती है और कैंसर का खतरा कम होने लगता है।
इलाज के विकल्प: क्या हैं संभावनाएं?
गले के कैंसर का इलाज स्टेज पर निर्भर करता है। शुरुआती स्टेज में रेडिएशन थेरेपी या सर्जरी की जा सकती है। एडवांस्ड स्टेज में कीमोथेरेपी और रेडिएशन का संयोजन इस्तेमाल किया जाता है। समय पर इलाज से पूरी तरह ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। कारोबार संदेश इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।



