World Bank: अजय बंगा को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी, नामांकन को भारत का समर्थन
नई दिल्ली/सूत्र : अमेरिका ने विश्व बैंक के अध्यक्ष पद के लिए भारतीय मूल के अजय सिंह बंगा को नामित किया है. भारत ने उनके नामांकन का समर्थन किया है। सरकार ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि बंगा का नामांकन ऐसे समय में आया है जब विश्व बैंक अगली पीढ़ी के सुधारों पर विचार कर रहा है।
अगर विश्व बैंक के निदेशक मंडल ने उनके नाम को मंजूरी दे दी तो वह इस तक पहुंचने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी होंगे। अभी तक भारतीय मूल का कोई भी व्यक्ति अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) या विश्व बैंक में इस पद पर नहीं पहुंचा है। सिंह ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में डिग्री ली है। बंगा करीब 12 साल तक मास्टरकार्ड इंक के प्रमुख रहने के बाद दिसंबर 2021 में सेवानिवृत्त होने वाले थे।
वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, ‘अजय बंगा को विश्व बैंक के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पर बधाई। भारत अजय बंगा के नामांकन का समर्थन करता है और विश्व बैंक में उनके नेतृत्व की आशा करता है। एक अन्य ट्वीट में मंत्रालय ने कहा कि बंगा को वित्तीय और तकनीकी क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त है। साथ ही, उनके पास बड़े संगठनों का नेतृत्व करने का व्यापक अनुभव है। 63 वर्षीय बंगा के पास 30 से अधिक वर्षों का व्यावसायिक अनुभव है और उन्होंने मास्टरकार्ड के साथ विभिन्न पदों पर कार्य किया है। उन्होंने अमेरिकन रेड क्रॉस, क्राफ्ट फूड्स और डॉव इंक के बोर्डों में भी काम किया है। उन्हें 2016 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने पिछले महीने घोषणा की थी कि उनका देश विश्व बैंक के अध्यक्ष पद के लिए अजय सिंह बंगा को नामित कर रहा है। उन्होंने कहा कि बंगा में इतिहास के इस महत्वपूर्ण समय में दुनिया का नेतृत्व करने के सभी गुण हैं। अजय अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ मध्य अमेरिका के लिए साझेदारी के सह-अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके हैं।
विश्व बैंक के प्रमुख डेविड मालपस ने हाल ही में कहा था कि वह जून में पद छोड़ देंगे। हालांकि उनका पांच साल का कार्यकाल अप्रैल 2024 में खत्म होना था, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने पद छोड़ने का फैसला कर लिया है. बांगा की नियुक्ति अब औपचारिकता है लेकिन बैंक 29 मार्च तक अन्य देशों से नामांकन स्वीकार करेगा। जर्मनी ने हाल ही में कहा था कि इस पद पर किसी महिला की नियुक्ति की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बैंक के 77 साल के इतिहास में कोई भी महिला इस पद पर नहीं बैठी है।