विश्व बाल दिवस रायपुर के बच्चों के लिए विशेष दिन बना, कलेक्टर से लिए सफलता के टिप्स

रायपुर जिले के कक्षा नौवीं से 12वीं तक के किशोर बच्चों के लिए आज विश्व बाल दिवस का दिन एक विशेष दिन बनकर आया, जब उन्होंने कलेक्ट्रेट पहुंच कर जिला कलेक्टर डॉ.भारती दासन से न केवल मुलाकात की बल्कि उनसे जीवन और पढ़ाई में सफलता के टिप्स भी प्राप्त किए।

कलेक्टर ने इन बच्चों को हार्दिक शुभकामनाएं दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। कलेक्टर ने बच्चों सै कहा कि  दिमाग कोई कंप्यूटर नहीं है जिसका सॉफ्टवेयर पूरी की पूरी बातें अडॉप्ट कर ले, दिमाग को धीरे-धीरे ट्रेंड करना पड़ता है। यही कारण है कि जैसे – जैसे बच्चे उच्च कक्षा में जाते हैं, उनकी क्षमताओं ,योग्यताओं के अनुसार उनके पढ़ाई का स्तर भी ऊंचा होता जाता है।

बच्चों के ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से होने वाले डिस्टरबेंस की समस्या कै समाधान पर कलेक्टर ने कहा की आप स्वयं यह तय करते हैं कि आपको अपना दिमाग कहां और कितना लगाना है । मेडिटेशन एक बहुत अच्छा जरिया है ,धीरे-धीरे कोशिश करनी चाहिए ऑनलाइन मोबाइल गेम आदि से मन हटे, इसके लिए सबसे पहले इस गेम में लगने वाले समय को कम करने की जरूरत है । इसी तरह बुक रीडिंग जैसी अच्छी है हेबिट अपनाने की जरूरत है ।कलेक्टर ने बच्चों सै कहा कि यह आप ही है जो किसी भी चीज को संभव या असंभव बनाते हैं। कलेक्टर ने कहा जो भी कार्य करें मन लगाकर करें और उसकी काफी प्रेक्टिस से  निश्चय ही सफल होंगे।

एक बच्चे के इस प्रश्न पर कि कुछ समय बाद पढ़ाई बोरियत लगने लगती है ,कलेक्टर ने कहा ऐसे समय उस सब्जेक्ट की किताब को बंद करके कुछ दूसरा विषय या किताब पढ़ने पर मन लगाना चाहिए। माइंड को फ्रेश करना जरूरी है, लेकिन पढ़ाई के समय बैठकर सपने देखना गुनाह  है। सपनेअवश्य देखें, लेकिन पढ़ाई के समय  पूरा ध्यान पढ़ाई में लगाए।

कलेक्टर डॉ भारतीदासन ने कहा कि कलेक्टर बनना कठिन नहीं है ,थोड़ा मुश्किल अवश्य  है, लेकिन अगर आप दिमाग में बसा ले, तो यह कार्य धीरे-धीरे स्टेप बाय स्टेप संभव है। इसके लिए कक्षा बारहवीं तक  अपना टारगेट अपने विषय में अच्छे अंक लाने पर लगाना चाहिए, उसके बाद ग्रेजुएशन  आदि  में  भी अच्छे अंक या गोल्ड मेडल लाने जा प्रयास होना चाहिए । मेहनत एक इन्वेस्टमेंट की तरह है। अगर आप पढाई में अच्छी मेहनत करते हैं ,तो सिविल सर्विसेज जैसी परीक्षाओं को सफल करने में 1 साल की कड़ी मेहनत भी पर्याप्त हो सकती है। अगर पहली बार में सफल नहीं होते हैं तो अपने मेहनत और प्रयास को छोड़े नहीं बल्कि और अधिक बढ़ाए, तब तक आपके सपने पूरे नहीं होते और आपके सपने आपके हार्ड वर्क से ही पूरे हो सकते हैं । कलेक्टर ने कहा आप अपने सबसे बड़े जज हो सकते हैं कि आप कहां गलती कर रहे हैं या  कहां कमी है? कलेक्टर ने अपने बारे मे बताया कि उन्होंने कृषि में बीएससी, एमएससी और पीएचडी की है।

कलेक्टर ने कहा कि टाइम टेबल बना कर पढ़ें और कहीं भी अपनी पढ़ाई से हंड्रेड परसेंट संतुष्ट ना हो। क्योंकि और अच्छी मेहनत और प्रयास करने की गुंजाइश हमेशा रहती ।

इस अवसर पर यूनिसेफ के प्रतिनिधि ने बताया कि आज विश्व बाल दिवस है और इस अवसर पर हमारा प्रयास है कि बच्चों को कलेक्टर के प्रेरक संबोधन से प्रोत्साहित किया जाए जिससे इन बच्चों के साथ-साथ अन्य बच्चे भी अपने जीवन को और बेहतर बनाने के लिए प्रेरित हो। उन्होने बताया कि उनका प्रयास सभी बच्चों को समान अवसर प्रदान करना है।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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