अगरबत्ती उत्पाद अब होंगे मानक आधारित
रायपुर : सरकार अगरबत्ती उद्योग पर मानक तय करने जा रही हैं,जी हां भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) अगरबत्ती उत्पादों के मानक तय करने जा रहा है। कन्नौज के फ्रेग्रेन्स एंड सॉर्स डेवलपमेंट सेंटर (एफएफडीसी) और अगरबत्ती एसोसिएशन की मदद से व्यवस्था की जा रही है। इसमें तय किया जाएगा कि केमिकल और बांस की डंडी कैसी होनी चाहिए और उनका अनुपात क्या होना चाहिए।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत उत्पादों के लिए मानक तय करने वाली बीआईएस और कन्नौज स्थित एफएफडीसी इस पर संयुक्त रूप से काम कर रही है। एफएफडीसी के प्रधान निदेशक डॉ. शक्ति विनय शुक्ला ने बताया कि यह प्रोजेक्ट पिछले एक साल से चल रहा है।
मानकों को लेकर एक बार कमेटी की बैठक हो चुकी है। कारोबारियों और वैज्ञानिकों की राय के बाद अब इसमें सुधार किया जा रहा है. जल्द ही ये मानक पूरे देश में अगरबत्ती उद्योग पर लागू होंगे। डॉ. शुक्ला ने कहा कि अगरबत्ती एसोसिएशन ऑफ इंडिया जल्द ही ऐसी सामग्री और रसायनों की सूची देगी, जिनका उपयोग हानिकारक है।
अगरबत्ती में चंदन, गुलाब, खस आदि के चूर्ण का उपयोग किया जाता है। यह देखा जाएगा कि इनके मिश्रण को इस्तेमाल करने में कोई हानि तो नहीं है। इसके तहत यह निर्धारित किया जाएगा कि अगरबत्ती का मिश्रण कितने प्रतिशत होगा। छड़ी की लंबाई और मोटाई भी तय की जाएगी। इसी के आधार पर सामग्री का प्रतिशत तय किया जाएगा।
अगरबत्ती बनाने में सुगंधित लकड़ी जैसे चंदन और अगर-तगर का उपयोग किया जाता है। इनमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। लेकिन इनमें मिलावट होने से सिर्फ बांस की लकड़ियां ही जलती हैं। इसे रोकने के लिए मानक जरूरी हैं। मानक बनने के बाद यदि मिश्रण को ठीक कर लिया जाए तो प्रदूषण से भी छुटकारा मिल जाएगा।