वनोपज, हर्बल तथा खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए दिए जाएंगे ऋण
महासमुन्द : छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिकनीति 2019-24 अंतर्गत वनोपज हर्बल तथा खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए ‘‘वनांचल उद्योग पैकेज‘‘ अधिसूचित की गयी है। जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक ने बताया कि महासमुंद जिले के बसना एवं पिथौरा विकासखण्ड में स्थापित होने वाले वनोपज, हर्बल तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को प्लांट एवं मशीनरी मद में न्यूनतम 50 लाख रूपए तथा अधिकतम 5 करोड़ रूपए निवेश करते हुए 31 अक्टूबर 2024 तक उत्पादन में आने पर विशेष आर्थिक प्रोत्साहन का प्रावधान है।
जिसमें कुल मान्य स्थाई पूंजी निवेश राशि का 40 प्रतिशत अनुदान, पांच वर्षों में अधिकतम 40 लाख रूपए प्रतिवर्ष होगी। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के प्रकरणों में 10 प्रतिशत की राशि प्रात्रता अनुसार अतिरिक्त देय होगी। वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने के दिनांक से 12 वर्ष तक भुगतान किए गए नेट राज्य वस्तु एवं सेवा कर (नेट एसजीएसटी) की प्रतिपूर्ति अधिकतम सीमा स्थायी पूंजी निवेश के 65 प्रतिशत तक होगी। उद्योग विभाग, सीएसआईडीसी के लैण्ड बैंक में उपलब्ध अविकसित भूमि आबंटन के मामले में छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 के प्रावधानों के अन्तर्गत नियमानुसार एवं पात्रतानुसार तत्समय प्रचलित केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड द्वारा क्षेत्र के लिए निर्धारित गाईडलाईन दरों पर 25 प्रतिशत छूट उपलब्ध होगी।
उद्योगों को विभाग, सीएसआईडीसी के क्षेत्रों, पार्कों में भू-आबंटन में भू-प्रीमियम पर 50 प्रतिशत भू-प्रब्याजी देय होगी। बैंको, वित्तीय संस्थाओं से उद्योग स्थापना के लिए प्राप्त ऋण पर 09 वर्षों की अवधि तक अधिकतम 60 प्रतिशत अनुदान, अधिकतम सीमा 35 लाख रूपए प्रतिवर्ष होगी।
उपरोक्त आर्थिक प्रोत्साहन के अतिरिक्त निवेशकों को औद्योगिक नीति 2019-24 में उल्लेखित नियमानुसार एवं पात्रतानुसार आर्थिक निवेश प्रोत्साहन प्राप्त होंगे। इन प्रोत्साहनों के लिए सामान्य नियम, शर्तें एवं परिभाषाएं औद्योगिक नीति 2019-24 में उल्लेखित अनुसार मान्य होंगी। इच्छुक उद्यमी ‘‘वनांचल उद्योग पैकेज‘‘ का लाभ लेने के लिए कार्यालय जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, पुराना तहसील आफिस परिसर हनुमान मंदिर के पीछे महासमुंद में संपर्क कर सकते है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के ‘‘आत्मनिर्भरभारत‘‘ अंतर्गत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के तहत् महासमुंद जिले के लिए वन डिस्ट्रीक, वन प्रोडक्ट के रूप में दुग्ध आधारित उत्पाद का चयन किया गया है जिसमें दुग्ध आधारित उत्पाद प्रसंस्करण के निजी क्षेत्र में सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना पर पात्र परियोजना लागत की 35 प्रतिशत की दर से क्रेडिट-लिंक्ड पूंजी सब्सिडी परंतु अधिकतम 10 लाख रूपए दिए जाएंगे। ओडीओपी दृष्टिकोण के तहत उत्पादन करने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी। हालाकि अन्य उत्पादों का उत्पादन करने वाले उद्यमों का भी समर्थन दिया जाएगा। पीएमएफएमई योजनांतर्गत आवेदन के लिए भी कार्यालय जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, महासमुंद़ में संपर्क किया जा सकता है।