सहारा इंडिया में फंसा लोगों का पैसा अब मिलेगा वापस: आज लॉन्च होगा ‘सहारा रिफंड पोर्टल’

नई दिल्ली/सूत्र: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह सहारा इंडिया के निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए नई दिल्ली में ‘सहारा रिफंड पोर्टल’ लॉन्च करेंगे। आज सुबह 11:00 बजे अटल ऊर्जा भवन में इस पोर्टल की लॉन्चिंग की जाएगी. पोर्टल के जरिए सहारा के उन निवेशकों को पैसा वापस दिया जाएगा जिनकी निवेश अवधि यानी समय सीमा पूरी हो चुकी है।

पोर्टल में सहारा इंडिया के निवेशकों का विवरण होगा। सहारा में निवेश किया गया पैसा कैसे वापस पाया जा सकता है, इसकी भी जानकारी होगी। सहारा इंडिया की सहकारी समितियों के 10 करोड़ निवेशकों का पैसा फंस गया है। इसमें बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है। पैसा वापस न मिलने पर निवेशकों ने सरकार से मामले में दखल देने की अपील की थी।

केवल 4 सहकारी समितियों के निवेशक ही आवेदन कर सकेंगे

1, सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड 2, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसायटी लिमिटेड 3, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड 4, स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड

5,000 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे

मंत्रालय ने सहारा समूह की सहकारी समितियों के वास्तविक सदस्यों/जमाकर्ताओं की शिकायतों को दूर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था। मार्च में, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि सहारा समूह की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं को बकाया भुगतान के लिए ‘सहारा-सेबी रिफंड खाते’ से 5,000 करोड़ रुपये सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार (सीआरसीएस) को हस्तांतरित किए जाएं।

यह प्रक्रिया जस्टिस सुभाष रेड्डी की देखरेख में पूरी की जाएगी

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज आर सुभाष रेड्डी की निगरानी में जमाकर्ताओं को पैसा लौटाया जाना है। वकील गौरव अग्रवाल इस मामले में जस्टिस रेड्डी की मदद करेंगे. सुप्रीम कोर्ट द्वारा सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (एसआईआरईसीएल) और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) को निवेशकों का पैसा वापस करने का निर्देश देने के बाद अगस्त 2012 में सहारा-सेबी एस्क्रो खाते खोले गए थे। जिसमें सहारा ग्रुप की ओर से पैसा जमा किया गया था।

सहारा बड़ी निजी कंपनियों में से एक हुआ करती थी

सहारा 11 लाख से अधिक कर्मचारियों के साथ देश की सबसे बड़ी निजी कंपनियों में से एक हुआ करती थी। सहारा इंडिया का कारोबार रियल एस्टेट, वित्त, इंफ्रास्ट्रक्चर, मीडिया और मनोरंजन, स्वास्थ्य, हॉस्पिटैलिटी, रिटेल, सूचना प्रौद्योगिकी से लेकर खेल तक फैला हुआ था। यह ग्रुप 11 साल तक टीम इंडिया का प्रायोजक रहा हैं।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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