कोटक महिंद्रा बैंक पर अब RBI हुआ सख्त, नए ग्राहक बनाने पर लगाई रोक

नई दिल्ली/सूत्र: टेक्नोलॉजी आधारित बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं देने वाले बैंकों और वित्तीय कंपनियों पर आरबीआई की सख्ती जारी है। अब आरबीआई ने निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंक कोटक महिंद्रा बैंक की ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग पर रोक लगा दी है और इनके जरिए बैंक को नए ग्राहक बनाने से मना कर दिया है। इसके अलावा बैंक को नए क्रेडिट कार्ड जारी करने से भी रोक दिया गया है। आरबीआई द्वारा यह कार्रवाई वर्ष 2022 और वर्ष 2023 में बैंक की सूचना प्रौद्योगिकी आईटी से संबंधित जांच में पाई गई अनियमितताओं और बैंक द्वारा इसे समय पर और प्रभावी तरीके से करने में विफलता के कारण की गई है।

फ़ाइल फोटो

आरबीआई ने यह स्पष्ट किया है कि उक्त दो निर्देशों के अलावा कोटक महिंद्रा बैंक अपने मौजूदा ग्राहकों (क्रेडिट कार्ड धारकों समेत) को दूसरी हर तरह की बैंकिंग सेवा देना जारी रखेगा। आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक में पाई गई खामियों को गंभीर किस्म का करार दिया है।

बुधवार 24 अप्रैल को जारी निर्देश में कहा गया है कि आइटी इन्वेंट्री प्रबंधन, वेंडर रिस्क मैनेजमेंट, ग्राहकों के अधिकारी संबंधी प्रबंधन, डाटा सुरक्षा, डाटा लीक होने पर उसकी रोकथाम के प्रबंधन, आपदा की स्थिति में ग्राहकों के डाटा को सुरक्षित रखने संबंधी प्रबंधन पुख्ता नहीं है और इनमें जिन खामियों को दूर करने को लेकर आरबीआई ने जो सुझाव बैंक को दिए थे, उन्हें दूर करने के लिए उठाए गए कदमों से केंद्रीय बैंक संतुष्ट नहीं था।

केंद्रीय बैंक ने कहा है कि लगातार दो साल तक बैंक की कमियों का पता चला और उन्हें ठीक करने के लिए जरूरी कार्रवाई नहीं की गई। आरबीआई ने कहा है कि, “कमियों को दूर करने के लिए अनुपालन योजना पर उठाए गए कदम या तो अपर्याप्त, गलत या अस्थिर थे।” यह कोटक महिंद्रा बैंक पर बहुत बड़ा आरोप है और इससे पता चलता है कि इसका प्रबंधन ग्राहकों के हितों की रक्षा में कितना लापरवाह है।

आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक के आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर की क्षमता पर भी सवाल उठाए हैं। यह भी कहा गया है कि इसकी खामियों के कारण इसे लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 15 अप्रैल, 2024 को इन खामियों के कारण बैंक की ऑनलाइन सेवा काफी प्रभावित हुई और ग्राहकों को इसके कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बैंक इन कमियों को दूर करने को लेकर गंभीर नहीं है, इसके अलावा आरबीआई ने परोक्ष रूप से उस पर इसके लिए पर्याप्त फंड नहीं होने का आरोप भी लगाया है।

आरबीआई ने कहा है कि एक तरफ पुरानी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा जबकि दूसरी तरफ बैंक में ऑनलाइन ग्राहकों की संख्या बढ़ती जा रही है जिससे दबाव बढ़ रहा है। अब जो प्रतिबंध लगाये गये हैं उनकी समीक्षा बैंक के स्तर पर उठाए जाने वाले कदमों के आधार पर की जाएगा।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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