ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अब हेल्थ ड्रिंक के रूप में नहीं बिकेगा बोर्नविटा

नई दिल्ली/सूत्र: सरकार ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को अहम निर्देश दिए हैं। उन्हें अपने पोर्टल से बोर्नविटा समेत ऐसे तमाम प्रोडक्ट्स को ‘हेल्दी ड्रिंक्स’ कैटेगरी से हटाने का निर्देश दिया गया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को इस बारे में एडवाइजरी जारी की है। इसमें ऐसा करने का कारण बताया गया है। एडवाइजरी में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निमयों हवाला दिया गया है।

क्या कहती है एडवाइजरी?

एडवाइजरी के अनुसार, ‘बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 की धारा (तीन) के तहत राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग एक वैधानिक निकाय है। इसने सीआरपीसी अधिनियम 2005 की धारा 14 के तहत अपनी जांच के बाद निष्कर्ष निकाला कि एफएसएस अधिनियम 2006, एफएसएसएआई और मोंडेलेज इंडिया फूड्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से प्रस्तुत नियमों और विनियमों के तहत कोई ‘हेल्थ ड्रिंक’ परिभाषित नहीं है।’

कब आया आदेश?

आदेश 10 अप्रैल, 2024 को जारी किया गया है। इसमें कहा गया कि सभी ई-कॉमर्स कंपनियों/पोर्टलों को सलाह दी जाती है कि वे अपने प्लेटफॉर्म/साइड से बॉर्नविटा समेत अन्य पेय पदार्थों को ‘हेल्थ ड्रिंक’ कैटेगरी से हटा दें। खाद्य सुरक्षा मानक नियामक एफएसएसएआई ने दो अप्रैल को सभी ई-कॉमर्स खाद्य व्यवसाय संचालकों (एफबीओ) को उनकी वेबसाइट पर बेचे जा रहे खाद्य उत्पादों का उचित वर्गीकरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।

हेल्थ ड्रिंक के रूप में बॉर्नविटा के वर्गीकरण को लेकर विवाद नियामक निरीक्षण और उपभोक्ता जागरूकता के व्यापक मुद्दे को सामने रखता है। मौजूदा खाद्य कानूनों के भीतर ‘हेल्थ ड्रिंक’ की स्पष्ट परिभाषा की कमी के कारण उत्पाद लेबलिंग और मार्केटिंग में अनिश्चितता पैदा हो गई है।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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