सेरेलक में ज्यादा चीनी? नेस्ले के खिलाफ एक्शन के आदेश, सरकार का रुख सख्त
नई दिल्ली/सूत्र: नेस्ले की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भारत में ज्यादा चीनी वाले बेबी प्रोडक्ट बेचने की खबरों का केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने संज्ञान ले लिया है। उसने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण एफएसएसएआई से कंपनी के खिलाफ उचित कार्रवाई शुरू करने के लिए कहा है।
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने भारतीय खाद्य नियामक को पूरे मामले पर गौर करने को कहा है। स्विट्जरलैंड के गैर सरकारी संगठन एनजीओ पब्लिक आई और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क आईबीएफएएन ने अपनी एक रिपोर्ट में बड़ा दावा किया है। उन्होंबने कहा है कि नेस्ले ने यूरोप के अपने बाजारों की तुलना में भारत सहित कम विकसित दक्षिण एशियाई देशों, अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी देशों में अधिक चीनी वाले बेबी प्रोडक्ट बेचे।
उपभोक्ता मामलों की सचिव और केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण सीसीपीए की प्रमुख निधि खरे ने बताया, ‘हमने एफएसएसएआई को नेस्ले के शिशु उत्पाद पर आई रिपोर्ट का संज्ञान लेने के लिए एक पत्र लिखा है।’ एफएसएसएआई को लिखे पत्र में खरे ने कहा कि उपभोक्ता मामलों के विभाग को विभिन्न समाचार लेखों के भारत में नेस्ले कंपनी के चलन के बारे जानकारी मिली, खासकर नेस्ले सेरेलक के संबंध में।
गंभीर चिंता पैदा करती है एनजीओ की रिपोर्ट
उन्होंने कहा कि समाचार खबरों के अनुसार, स्विट्जरलैंड स्थित संगठन ने भारत में नेस्ले की विनिर्माण प्रथाओं पर प्रकाश डालते हुए एक रिपोर्ट पेश की है। खरे ने कहा, ‘रिपोर्ट के मुताबिक नेस्ले पर भारत में बेचे जाने वाले नेस्ले सेरेलक में एक बार के खाने में 2.7 ग्राम चीनी मिलाने का आरोप लगाया गया है। जबकि जर्मनी, स्विट्जरलैंड, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे अन्य देशों में ऐसा नहीं किया जा रहा।’