देश में चलेंगी 10,000 नई ई-बसें, ग्रामीणों के लिए विश्वकर्मा योजना को भी मंजूरी

नई दिल्ली/सूत्र : बुधवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं. इस बैठक से रेलवे के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है. बैठक में रेलवे से जुड़ी 7 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है. ये परियोजनाएं रेल लाइन उन्नयन और नई रेल लाइनें बिछाने से संबंधित हैं। इन परियोजनाओं पर करीब 20,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी. केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस ब्रीफिंग में यह जानकारी दी. ठाकुर ने कहा कि बैठक में पीएम ई-बस सेवा को मंजूरी दे दी गई है. इस पर 57613 करोड़ रुपये खर्च होंगे. 10 हजार नई इलेक्ट्रिकल बसों की सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

57,613 करोड़ की पीएम ई बस सेवा

देशभर के 169 शहरों में से 100 शहरों का चैलेंज मेथड़  चयन पर किया जाएगा। देश के अधिकांश शहरों में सार्वजनिक परिवहन सेवाओं विशेषकर बसों का अभाव है। इसलिए देश के 100 शहरों में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक बस सेवाएं चलाई जाएंगी। 5 लाख से कम आबादी वाले शहरों को 50 बसें मिलेंगी। 5 लाख से 20 लाख की आबादी वाले शहरों के लिए 100 बसें उपलब्ध रहेंगी. वहीं, 20 लाख से 40 लाख की आबादी वाले शहरों के लिए 150 बसें चलाई जाएंगी. पुरानी बसें खत्म करने वाले राज्यों और शहरों को अतिरिक्त बसें दी जाएंगी। इसे पीपीपी मोड पर किया जाएगा। बसें चलाने के लिए प्रति किलोमीटर के हिसाब से केंद्र सरकार की सहायता मिलेगी और यह सहायता 10 साल तक मिलेगी। पहाड़ी क्षेत्र या पूर्वोत्तर के राज्यों की राजधानी के लिए केंद्र सरकार 90 फीसदी सहायता देगी. इस योजना से देश में ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा मिलेगा।

विश्वकर्मा योजना को मिली मंजूरी

रेल मंत्री ने कहा कि सरकार देश के वंचितों, गरीबों और गांवों में रहने वाले लोगों के लिए बहुत कुछ कर रही है. ऐसे कई वर्ग हैं जो पारंपरिक व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। जैसे- कुम्हार मिट्टी का काम, लोहार लोहे का काम, सुनार सोने का काम आदि। ये लोग ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इस बड़े वर्ग को नया आयाम देने के लिए आज विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दी गई है। इसकी घोषणा पिछले बजट में भी की गयी थी. इस योजना में कौशल बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा. नई तकनीक, नए टूल और मार्केटिंग पर फोकस रहेगा।

इसमें बेसिक और एडवांस दो तरह के कोर्स होंगे। स्किल लेने के दौरान प्रतिदिन 500 रुपये का भत्ता भी मिलेगा. आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए 15,000 रुपये तक की सहायता मिलेगी। विश्वकर्मा योजना के तहत एक लाख रुपये का ऋण भी प्रदान किया जाएगा। इसमें अधिकतम ब्याज दर 5 फीसदी होगी, इससे लोग अपना कारोबार बढ़ा सकेंगे। इसके बाद 2 लाख रुपये का क्रेडिट सपोर्ट भी मिलेगा. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवसायियों को नए उपकरण, नए कौशल और नए बाजार का समर्थन मिलेगा।

32,500 करोड़ रुपये की 7 परियोजनाओं को मंजूरी

रेलवे से जुड़ी 32500 करोड़ रुपये की 7 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है. इनमें देश के 9 राज्यों के 35 जिले शामिल होंगे। इसकी कुल लंबाई 2339 किमी है। इसका सीधा लाभ उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा राज्यों को होगा। इस प्रोजेक्ट से नॉर्थ ईस्ट के राज्यों से ज्यादा ट्रेनें चल सकेंगी. गोरखपुर कैंट से वाल्मिकी नगर तक सिंगल लाइन सेक्शन के दोहरीकरण की परियोजना को मंजूरी दे दी गई है। इसकी लंबाई 96 किलोमीटर है और लागत 1269 करोड़ रुपये होगी. गुंटूर-बीबीनगर सिंगल लाइन सेक्शन को भी दोगुना किया जाएगा। इसकी लंबाई 239 किमी है और लागत 3238 करोड़ रुपये होगी. तीसरी परियोजना चोपन-चुनार सिंगल लाइन सेक्शन का दोहरीकरण है।

डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट का विस्तार

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 14,903 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ डिजिटल इंडिया परियोजना के विस्तार को मंजूरी दे दी। अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को मंजूरी दी गई. इस पर 14,903 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया विस्तार के तहत पूर्व में किये गये कार्यों को आगे बढ़ाया जायेगा. उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत 5.25 लाख आईटी पेशेवरों को नई तकनीक के अनुसार फिर से कुशल बनाया जाएगा. साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 2.65 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया जायेगा। विस्तारित डिजिटल इंडिया परियोजना के तहत, राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनसीएम) के तहत नौ और सुपर कंप्यूटर जोड़े जाएंगे। मंत्री ने कहा कि एनसीएम के तहत 18 सुपर कंप्यूटर पहले ही लगाए जा चुके हैं।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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