महिलाएं ले रही जमकर कर्ज, चुकाने में पुरुषों से चार हाथ आगे
नई दिल्ली/सूत्र : पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को कर्ज देना ज्यादा सुरक्षित है. कर्जदारों पर की गई रिसर्च में यह बात सामने आई है। बैंक भी इसे समझते हैं। यही वजह है कि पिछले कुछ सालों में देश में कर्ज लेने वाली महिलाओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले तेजी से बढ़ी है। क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी ट्रांसयूनियन सिबिल की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। बैंक भी महिलाओं को कर्ज देने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं। महिलाएं न केवल कर्ज लेने में बल्कि उन्हें चुकाने में भी पुरुषों से बेहतर हैं। पुरुष उधारकर्ताओं को उधार देने की तुलना में महिलाओं को ऋण देना कम जोखिम भरा है। क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी ट्रांसयूनियन सिबिल ने यह आकलन पेश किया है।
अध्ययन के परिणामों के अनुसार, 57 प्रतिशत महिलाओं के क्रेडिट स्कोर उन्हें ‘विशिष्ट’ श्रेणी में रखते हैं, जबकि पुरुषों की संख्या 51 प्रतिशत है। खुदरा ऋण को आम तौर पर सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इस श्रेणी के अधिकांश ऋण संपत्ति जैसे घर द्वारा समर्थित होते हैं। ट्रांसयूनियन CIBIL ने कहा कि खपत-केंद्रित ऋण जैसे कि व्यक्तिगत ऋण और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के लिए ऋण भी महिलाओं के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं। जानकारों के मुताबिक महिलाओं के लिए कर्ज लेना देश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक विकास के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
देश में महिलाएं गोल्ड लोन, कंज्यूमर लोन और पर्सनल लोन लेना पसंद करती हैं। कंपनी ने कहा, “जब महिला कर्जदार रोजगार और आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो जाती हैं, तो वे अपने जीवन के लक्ष्यों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए ऋण के अवसरों की तलाश करती हैं।” इन आंकड़ों के मुताबिक महिलाएं बिजनेस लोन भी ले रही हैं और कुल बिजनेस लोन में महिलाओं की हिस्सेदारी 32 फीसदी तक पहुंच गई है।