देश में अगले साल चालू होगी सोने की एक और खदान, पहली बार कोई निजी कंपनी देश में बड़ी मात्रा में सोना निकालेगी
नई दिल्ली/सूत्र : सोना एक बहुमूल्य धातु है, भारत उन देशों में से है जहां सोने की खपत बड़ी मात्रा में होती है। भारत अपनी जरूरत का ज्यादातर सोना आयात करता है। अब अच्छी खबर यह है कि अगले साल तक देश की बड़ी निजी सोने की खदानों से सोना निकलना शुरू हो जाएगा। निजी खदान, जोनागिरी गोल्ड माइंस आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले के तुग्गली मंडलम में स्थित है। इस खदान का विकास जियोमिसोर सर्विसेज इंडिया लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। इस खदान को साल 2013 में मंजूरी मिली थी। कंपनी को वहां सोना खोजने में 8-10 साल लग गए।
जियोमिसोर सर्विसेज इंडिया लिमिटेड में डेक्कन गोल्ड माइंस की लगभग 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है। डेक्कन गोल्ड माइंस लिमिटेड देश की पहली और अब तक की एकमात्र सोने की खोज करने वाली कंपनी है जो बीएसई पर सूचीबद्ध है। डेक्कन गोल्ड माइंस लिमिटेड के पास देश के बाहर भी सोने की खदानें हैं। किर्गिस्तान में एक सोने की खदान परियोजना में कंपनी की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
उत्पादन कब शुरू होगा?
सूत्रों की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की पहली बड़ी निजी सोने की खदान में उत्पादन अगले साल शुरू हो सकता है. डेक्कन गोल्ड माइंस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हनुमा प्रसाद के हवाले से कहा गया है कि जोनागिरी गोल्ड प्रोजेक्ट में उत्पादन अगले साल के अंत यानी दिसंबर 2024 तक पूरी क्षमता से शुरू हो जाएगा।
एक साल में 750 किलो सोना निकलेगा
प्रसाद ने बताया है कि जोनागिरी गोल्ड प्रोजेक्ट में पूर्ण पैमाने पर उत्पादन शुरू होने पर वहां हर साल करीब 750 किलो सोने का उत्पादन होगा. खदान में अब तक करीब 200 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है. फिलहाल यहां प्रायोगिक काम चल रहा है और हर महीने करीब एक किलो सोने का उत्पादन हो रहा है।
भारत में होता है 1.6 टन सोने का उत्पादन
भारत हर साल लगभग 1.6 टन सोने का उत्पादन करता है। वहीं, सोने की खपत करीब इन खदानों जरिए 774 टन है। देश में सर्वाधिक सोने के भंडार कर्नाटक में स्थित हैं। राज्य की कोलार, एहुट्टी और ऊटी की खदानों से बड़ी मात्रा में सोना निकाला जाता है। कर्नाटक के पास 88% सोने का भंडार है। इसके अलावा 12 प्रतिशत सोने के भंडार आंध्र प्रदेश में हैं जबकि कुछ भंडार झारखंड में पाए जाते हैं।