कोचिंग सेन्टर, लाईब्रेरी एवं कौशल विकास प्रशिक्षण संस्थानों को खोलने की सशर्त मंजूरी
सुखसागर/बलौदाबाजार : जिले में कोरोना के पाजीटिव मरीजों की संख्या में कमी को देखते हुये लाईब्रेरी, कोचिंग सेन्टर एवं कौशल विकास प्रशिक्षण संस्थानों को सशर्त खोलने की अनुमति प्रदान की गई है। भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा जारी निर्देश के तहत कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने कल से खोलने के आदेश जारी किये हैं।
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के तहत यथासंभव ऑनलाईन क्लास एवं डिस्टेन्स लर्निंग को प्राथमिकता दिया जावे। संस्थान में बैठक क्षमता का एक समय में केवल 50 प्रतिशत व्यक्तियों के सम्मिलित होने की अनुमति होगी। संस्थान में प्रवेश द्वार एवं निकासी द्वार पृथक-पृथक हो यह सुनिश्चित किया जावे एवं प्रवेश एवं निकासी द्वार टच फ्री मोड में हो। श्वसन शिष्टाचार का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जावें, संस्थान में उपस्थित व्यक्ति खांसते,छींकते समय टिशु पेपर,रूमाल, मुड़ी हुई कोहनी का अनिवार्यतः उपयोग करेंगे। संस्थान के संचालक, प्राचार्य यह सुनिश्चित करेंगे कि उपयोग में लाये सामग्री का ठीक से निपटारा किया जावे। संस्थान में रखे पीने का पानी स्थल, हाथ धोने का स्थल, वाॅशरूम, कुर्सी, टेबल, बेंच, कम्प्यूटर, लैपटाॅप, प्रिंटर, पाठ्य सामग्री, लाॅकर, क्लास रूम एवं ऐसी सतह, जो टच फ्री मोड में न हो को समय-समय पर 01 प्रतिशत सोडेशियम हाइपोक्लोराइड अथवा 70 प्रतिशत एल्कोहल बेस्ड सेनेटाईजर से साफ करना होगा। लैपटाॅप, नोटबुक, पाठ्य सामग्रियों का आदान प्रदान करने की अनुमति नहीं होगी।
संस्थान में संचालित कैंटीन यथासंभव बंद रखा जावे। संस्थान में सीसीटीवी कैमरे लगाया जावे ताकि कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कान्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। संस्थान में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति को सोशल/फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाना एवं समय-समय पर सेनेटाईजर का अनिवार्य रूप से उपयोग किया जावे। संस्थान में कोविड-19 से बचाव हेतु उपाय के लिए बैनर, पोस्टर लगाना अनिवार्य होगा। संस्थान की बैठक क्षमता, यदि कम हो तो विद्यार्थियों/प्रशिक्षणार्थीयों को अलग-अलग समय में बुलाया जावे। उपस्थिति हेतु बायोमैट्रिक सिस्टम का उपयोग न करते हुए कांटेक्ट लेस उपस्थिति की व्यवस्था करना अनिवार्य होगा। संस्था में एक रजिस्टर संधारित किया जावेगा, जिसमें उपस्थित होने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता, मोबाईल नंबर दर्ज किया जायेगा ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोराना संक्रमित होने पर कांटेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा तथा आदेश के उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 सह पठित एपीडेमिक डिसीज एक्ट 1987 यथा संशोधित 2020 एवं भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धाराओं के अंतर्गत विधि अनुकुल कार्यवाही की जावेगी।