कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन, जिले में नलकूपों का अवैध खनन जारी

गरियाबंद : जिले भर में प्रतिबंध के बाद भी धड़ल्ले के साथ अवैध तौर पर नलकूप खनन किया जा रहा है। कलेक्टर नम्रता गांधी ने जिले में आगामी ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते हुए पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु छत्तीसगढ़ पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 (क्रमांक-3) 1987 की धारा 03 के अन्तर्गत पदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सम्पूर्ण गरियाबंद जिले में 11 मई 2022 से मानसून आगमन तक जलाभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है। इन सबके बीच जिले भर में बेखौफ होकर बोरिंग मशीन ठेकेदार नलकूप खनन करने में जुटे हुए हैं।

जिले के कई ग्राम पंचायतों में पानी की भारी किल्लत है। भूजल स्तर नीचे खिसक गया है। इन सबके बाद भी बोरिंग मशीन संचालक गांव गांव घूमकर मनमानी दरों में निजी बोर कर रहे हैं। प्रतिबंध का असर न होने से समस्या बढ़ रही है। कलेक्टर के आदेश के तहत जिले भर में 11 मई 2022 से मानसून आगमन तक बिना अनुमति के नलकूप खनन प्रतिबंधित है। उसके बाद भी लापरवाही बरती जा रही है। कलेक्टर के आदेशानुसार कहां गया कि प्राधिकृत अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में छत्तीसगढ़ पेयजल परिरक्षण अधिनियमों में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार नलकूप खनन आवश्यक होने पर अनुमति प्रदान करने की कार्यवाही करेंगे।

गौरतलब है कि जिले को मानसून आगमन तक जलाभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है। इन सबके बीच जिले में बेखौफ होकर बोरिंग मशीन ठेकेदार नलकूप खनन करने में जुटे हुए हैं। प्रतिबंध के बाद भी छुरा तहसील के जतियातोरा, कनसिंघी, रुवाड़, पाटसिवनी, अमलोर, मेड़कीडबरी, सारागाँव, नरतोरा, दुल्ला, नवगई, जामली, खुड़ियाडीह, नवाड़िह आदि क्षेत्र में नलकूप खनन करने वाले संचालक अधिक सक्रिय हैं। इस एरिया में बोरिंग मशीने रात में खनन कर रही है।

ग्रामीण अंचलों में दलालों के माध्यम से छुरा और ओड़ीसा के बोरिंग मशीन संचालकों द्वारा नेटवर्क संचालित किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में खनन के नाम पर जहां मनमानी राशि वसूल की जा रही है, वहीं कम बोरिंग करके अधिक बताते हुए केसिंग डालने में भी खेल करने के आरोप लगते रहे हैं। प्रशासन के प्रतिबंध के बाद भी लोगों तक पहुंचकर इनके कर्मी ऊंची पहुंच बताकर अपनी जिम्मेदारी लेते हुए बोरिंग कर रहे हैं। जतियातोरा बरुवामुड़ा क्षेत्र में शनिवार दिन में हो रहें बिना अनुमति के खनन को लेकर जब पत्रकारों द्वारा सवाल किया गया तो मशीन संचालक द्वारा खनन छोड़कर वहां से मशीन लेकर भागने का मामला सामने आया।

जिले के सैकड़ों गांव नेटवर्क क्षेत्र से बाहर हैं। ऐसे में ग्रामीण समय रहते प्रशासन तक मोबाइल से इसकी सूचना भी नहीं पहुंचा पा रहे हैं। जागरूकता के अभाव में भी ग्रामीणों को नलकूप खनन पर प्रतिबंध के बारे में जानकारी न होने से अवैध खनन के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। मीडिया के शिकायत पर एसडीएम द्वारा इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अवैध खनन होने पर तत्काल सूचित करने के बारे में भी कहा है।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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