ITR: अब भी बिना जुर्माना चुकाए भी दाखिल कर सकते हैं रिटर्न, जानें क्या हैं नियम?
रायपुर/सूत्र: आकलन वर्ष 2022-23 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख अब बीत चुकी है। देश में निर्धारण वर्ष 2023-24 के लिए रिकॉर्ड 6.77 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए गए हैं। लेकिन, अभी भी कई लोगों ने 31 जुलाई तक आईटीआर दाखिल नहीं किया है। आप समय सीमा बीत जाने के बाद भी रिटर्न दाखिल कर सकते हैं, लेकिन ऐसा करने पर आपको जुर्माना देना होगा जो 1000 रुपये से 5000 रुपये तक हो सकता है। हालांकि, कुछ लोगों को देर से आईटीआर दाखिल करने पर जुर्माने से छूट भी दी गई है।
अगर आप भी आईटीआर दाखिल करने से चूक गए हैं और बिलेटेड आईटीआर दाखिल करने की योजना बना रहे हैं तो ऐसा करने से पहले आपको सारी जानकारी जुटा लेनी चाहिए। देर से आईटीआर फाइल करने पर न सिर्फ जुर्माना लगता है बल्कि कुछ अन्य नुकसान भी होते हैं। उदाहरण के लिए, आपको अपने द्वारा अर्जित आय पर ब्याज देना होगा। देर से आईटीआर दाखिल करने के मामले में, नुकसान (गृह संपत्ति के नुकसान के अलावा) को समायोजित करने और आगे बढ़ाने और चैप्टर VI-A के तहत कुछ कटौती का दावा करने की अनुमति नहीं है।
इनको नहीं देना होगा जुर्माना – आयकर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, समय सीमा समाप्त होने के बाद आईटीआर दाखिल करने के लिए हर किसी के लिए विलंब शुल्क का भुगतान करना आवश्यक नहीं है। यदि किसी व्यक्ति की सकल कुल आय मूल छूट सीमा से अधिक नहीं है, तो उसे देर से आईटीआर दाखिल करते समय जुर्माना नहीं देना होगा। इस छूट का उल्लेख आयकर अधिनियम की धारा 234F में किया गया है।
छूट सीमा जानें – आयकर की नई व्यवस्था के तहत, व्यक्तिगत मूल छूट सीमा 3,00,000 रुपये है, जबकि पुरानी व्यवस्था के अनुसार, मूल छूट सीमा उम्र के अनुसार बदलती रहती है। पुरानी कर व्यवस्था के अनुसार, 60 वर्ष की आयु तक के व्यक्तियों के लिए मूल छूट सीमा केवल 2,50,000 रुपये है, लेकिन 60 से 80 वर्ष की आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए, मूल छूट सीमा 3, 00,000 रुपये है। 80 वर्ष से अधिक आयु के अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह मूल छूट सीमा 5,00,000 रुपये रखी गई है।