साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की तैयारी
रायपुर : बोर्ड परीक्षाओं के तनाव से अब छात्रों को राहत मिलेगी. इसकी शुरुआत भी हो चुकी है, लेकिन आने वाले दिनों में और भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. अब छात्रों का मूल्यांकन किसी एक परीक्षा से नहीं होगा, बल्कि साल भर उनकी पढ़ाई के आधार पर उनका परिणाम तैयार किया जाएगा।
इसमें प्रस्तावित महत्वपूर्ण परिवर्तनों के बीच परीक्षा का एक ऐसा मॉड्यूल विकसित किया जा रहा है जिसमें पूरे पाठ्यक्रम की परीक्षा कई भागों में ली जाएगी। प्रश्न भी सोच आधारित होंगे।
बोर्ड परीक्षाओं के साथ ही अन्य कक्षाएं भी शुरू कर दी गई हैं। विश्वविद्यालयों समेत मेडिकल और इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षाओं में तनावपूर्ण माहौल और होड़ को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय परीक्षाओं में बदलाव करने की जल्दी में है. वैसे भी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में परीक्षा सुधार को लेकर काफी सिफारिशें की गई हैं।
कहा गया है कि परीक्षा में कुछ इस तरह से बदलाव किया जाए कि कोचिंग और रटकर आगे आने वालों की जगह ऐसे छात्र आगे आ सकें, जो वाकई बेहतर है. इसके साथ ही बोर्ड परीक्षाओं को भी इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि कक्षाओं में नियमित रूप से पढ़ने वाला छात्र आसानी से पास हो सके। इस पूरी प्रक्रिया में पाठ्यक्रम के छोटे-छोटे हिस्सों में परीक्षा आयोजित करने की तैयारी है।
मंत्रालय की इस पहल पर सीबीएसई ने 2021-22 में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं में शुरुआती क्रियान्वयन की योजना बनाई है। इसमें 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा अब दो भागों में होगी। आधे पाठ्यक्रम के लिए एक परीक्षा और शेष आधे पाठ्यक्रम के लिए दूसरी परीक्षा होगी। बाद में दोनों परीक्षाओं को मिलाकर रिजल्ट तैयार किया जाएगा।
मंत्रालय के अनुसार, इस पहल से छात्रों में पूरे पाठ्यक्रम की एक साथ परीक्षा को लेकर तनाव कम होगा। हालांकि यह प्रयास तभी सफल होगा जब सीबीएसई के साथ-साथ राज्यों के शिक्षा बोर्ड समय पर बदलाव की इस पहल को अपनाएं। फिलहाल शिक्षा मंत्रालय इस संबंध में राज्यों के संपर्क में है।
शिक्षा मंत्रालय की यह पहल सिर्फ बोर्ड परीक्षाओं तक सीमित नहीं रहने वाली है। वह बाकी कक्षाओं के लिए परीक्षा के पैटर्न को बदलने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसमें चैप्टर पूरा होने के बाद ही छात्रों से टेस्ट लिया जाएगा, जो पूरी तरह से उनके नॉलेज को परखने के लिए होगा।
इसके आधार पर परीक्षा का फाइनल रिजल्ट तैयार किया जाएगा। इसके लिए सीबीएसई ने अपने स्कूलों में सरल और पारख नाम से दो नई पहल भी शुरू की हैं, जो जल्द ही सभी स्कूलों में देखने को मिलेगी।
बोर्ड परीक्षाओं में बदलाव की क्या बड़ी पहल होगी, अब छात्रों से ऐसे सवाल पूछे जाएंगे, जो सोच पर आधारित होंगे। इससे उनकी असली योग्यता और क्षमता की परीक्षा होगी।
वर्तमान में वर्ष 2021-22 की बोर्ड परीक्षा में 20 प्रतिशत प्रश्न होंगे, जो बहुविकल्पीय (MCQs), लघु उत्तरीय प्रकार (कम शब्दों के उत्तर देने के लिए) और दीर्घ उत्तरीय प्रकार (कोई शब्द सीमा नहीं होगा) के होंगे। हालांकि, 2025 तक, बोर्ड परीक्षाओं में 100% प्रश्न सोच आधारित होंगे।