अपना सिर बचाने के लिए दुनिया ने किया भारत पर भरोसा, भारतीय कंपनी बनी सबसे बड़ी हेलमेट निर्माता

नई दिल्ली/सूत्र: भारत की अग्रणी हेलमेट निर्माता कंपनी स्टीलबर्ड अब दुनिया की सबसे बड़ी हेलमेट निर्माता कंपनी (स्टीलबर्ड) बन गई है। स्टीलबर्ड ने पिछले साल दुनिया भर में लगभग 8 मिलियन हेलमेट बेचे। 2023 में कंपनी ने कुल 77,99,273 हेलमेट बेचे। इसके अलावा कंपनी ने 3,44,865 साइड बॉक्स बेचे हैं। अब कंपनी का लक्ष्य इस साल 1 करोड़ हेलमेट बनाने का है।

हेलमेट की बिक्री में उल्लेखनीय बढ़ोतरी से कंपनी का राजस्व भी बढ़ा है। पिछले कैलेंडर वर्ष में 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक कंपनी को 687 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था। स्टीलबर्ड एक भारतीय कंपनी है जिसका मुख्यालय दिल्ली में है। इसकी स्थापना 1964 में हुई थी। इसकी स्थापना सुभाष कपूर ने की थी और वर्तमान में कंपनी के प्रबंध निदेशक राजीव कपूर हैं।

ग्लोबल मार्केट में बढ़ने का लक्ष्य

स्टीलबर्ड को उम्मीद है कि वैश्विक हेलमेट बाजार में उसकी हिस्सेदारी बढ़कर 6.8 प्रतिशत हो जाएगी, जिसकी कीमत 2030 तक 3.88 बिलियन डॉलर होगी। स्टीलबर्ड कंपनी सुरक्षा से बेहतर अत्याधुनिक हेलमेट प्रौद्योगिकियों को पेश करने के लिए अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) में महत्वपूर्ण निवेश कर रही है। कंपनी के एमडी राजीव कपूर ने कहा है कि दुनिया के सबसे बड़े हेलमेट निर्माता के रूप में, वह सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और जीवन बचाने के अपने मिशन के लिए प्रतिबद्ध है। उनका कहना है कि भारत में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में हजारों लोगों की मौत हो जाती है और यह बेहद चिंताजनक है।

कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में केवल 30 फीसदी दोपहिया वाहन चालक ही हेलमेट का इस्तेमाल करते हैं। राजीव कपूर ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि भारत में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में 3 लाख लोगों की मौत हो जाती है. उन्होंने कहा कि अगर लोग हेलमेट पहनने की आदत विकसित कर लें तो इनमें से कई लोगों की जान बचाई जा सकती है।

800 रुपये से लेकर 15000 रुपये तक के हेलमेट

स्टीलबर्ड हर अलग श्रेणी के लिए हेलमेट बनाती है। कंपनी पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के लिए अलग-अलग हेलमेट बनाती है। इसके हेलमेट की कीमत 799 रुपये से शुरू होकर 15000 रुपये तक जाती है। हाल ही में कंपनी ने Ram नाम से हेलमेट बनाना भी शुरू किया है। इस हेलमेट की लोकप्रियता धीरे-धीरे बाजार में बढ़ती नजर आ रही है।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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