AI के क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्टअप्स में बन रहे हैं निवेश के बेहतरीन मौके, जानिए क्या है वजह?
नई दिल्ली/सूत्र: स्टार्टअप इकोसिस्टम- कुछ साल पहले तक भारत अपने आईटी और आउटसोर्सिंग सेवा उद्योग के लिए जाना जाता था। आज दुनिया भर में भारत की छवि एक ग्लोबल स्टार्टअप हब के रूप में बनी है। भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है, जिसने न केवल दुनिया भर के निवेशकों को आकर्षित करने में मदद की है बल्कि उद्यमिता के क्षेत्र में एक क्रांति की शुरुआत भी की है। घरेलू और विदेशी निवेशक भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में इस वृद्धि का फायदा उठाने में लगे हुए हैं।
भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में उछाल के कारण उद्यम पूंजी और निजी इक्विटी परिदृश्य की स्थिति में भी सुधार हुआ है। भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में बड़े पैमाने पर वीसी और पीई निवेश हो रहे हैं। नेट सेटगो के सह-संस्थापक संदीप राणा ने सूत्रों से कहा कि वर्ष 2023 पीई और वीसी फर्मों के लिए भारतीय कंपनियों में निवेश के लिए कई आकर्षक अवसर लेकर आया है।
मध्यम आय वर्ग की तेजी से बढ़ती आबादी भारत में विभिन्न प्रकार के व्यवसायों से जुड़े उद्यमियों के लिए एक बड़ा अवसर पैदा कर रही है। भारत इन दिनों डिजिटल क्रांति के दौर से गुजर रहा है जिसके चलते टेक फर्मों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित काम करने वाली कंपनियों में निवेश के आकर्षक अवसर हैं।
हालांकि, नियमों और विनियमों में लगातार बदलाव के कारण स्टार्टअप इकोसिस्टम में निवेश करने वाले लोगों को सावधान रहने की भी जरूरत है। भारत सरकार स्टार्टअप इकोसिस्टम से जुड़े नियम-कायदों में लगातार बदलाव कर रही है।
पिछले 10 वर्षों में भारत में ई-कॉमर्स उद्योग के कामकाज में तेजी से वृद्धि हुई है। इससे भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में निवेश की संभावना बढ़ रही है। रोज़ मैरी की निदेशक रिद्धिमा कंसल ने सूत्रों से कहा कि भारत में ई-कॉमर्स क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और आने वाले कई वर्षों तक इसकी विकास दर ऊंची रहने की उम्मीद है। ई-कॉमर्स सेक्टर में कई नए ग्राहक जुड़ रहे हैं, जिससे ई-कॉमर्स इंफ्रास्ट्रक्चर में शानदार ग्रोथ देखने को मिल रही है।
भारत के ई-कॉमर्स बुनियादी ढांचे में डिजिटल भुगतान प्रणाली, लॉजिस्टिक्स और लास्ट माइल डिलीवरी जैसे कार्य शामिल हैं। देश में उद्यमियों और निवेशकों की नई पीढ़ी एआई और मशीन लर्निंग जैसे कई नए व्यवसायों में निवेश कर रही है। प्रौद्योगिकी से लेकर स्वास्थ्य देखभाल तक, स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में बहुत मदद कर रहे हैं। निवेशक इस अवसर का लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं और इनोवेटिव स्टार्टअप की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस समय दुनिया भर के निवेशकों की भारत पर बढ़ती हिस्सेदारी भी स्टार्टअप्स के लिए एक बड़ा अवसर बनकर उभरी है।