पशुओं के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाये – डॉ.महंत राम सुन्दर दास

राज्य गौ सेवा आयोग की अध्यक्षता में हुई पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक


गरियाबंद : छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महामण्डलेश्वर राजेश्री डॉ. महंत राम सुंदर दास की अध्यक्षता में पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आज सम्पन्न हुई। बैठक में महामण्डलेश्वर राजेश्री डॉ. महंत राम सुंदर दास ने जिले की गौ सेवा संस्थान, गौसदन एवं गोठानों के गतिविधियों की जानकारी लेते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य कृषि प्रधान राज्य है। यहां ग्रामीण अर्थव्यस्था और समाज में पशुपालन और गौ सेवा संरक्षण जीवनशैली का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि पशुओं के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। व्यवहार में आवारा अथवा लावारिस पशु कहने से बचना चाहिए। इसके स्थान पर घुमन्तु पशु भी कहा जा सकता है। डॉ.दास ने पशुओं के अवैध व्यापार और तस्करी पर रोक लगाने तथा संलग्न व्यक्तियों पर कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। इस दौरान पकड़े गये वाहनों का राजसात करने और संबंधितों का ड्रायविंग लायसेंस निरस्त करने कहा है।

बैठक में गौसेवा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मांस मछली. कुक्कुट व्यवसायियों द्वारा अधिकांशतः अव्यवहारिक तरीके से पक्षियों एवं पशुओं को उल्टा लटकाकर परिवहन किया जाता है, जो कि पशु क्रूरता अधिनियम के अंतर्गत आता हैं। इन्हें समझाईश देकर जागरूक किया जा सकता है। लेकिन नहीं मानने पर कार्यवाही करें। डॉ.दास ने जागरूकता के लिए पशु एवं शिक्षा विभाग को आवश्यक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि पशुओं के प्रति संवेदना का भाव उत्पन्न करने बचपन से ही समझाया जाए। गरियाबंद में संचालित गोशालाओं की जानकारी ली। अध्यक्ष ने गोधन न्याय योजना की जानकारी भी ली। उन्होंने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार के गोबर खरीदी योजना को केन्द्र सरकार द्वारा सराहा गया है।

कलेक्टर श्री निलेश क्षीरसागर ने कहा कि जिले में पंजीकृत 12 गौशालाएं है, जिनमें 11 संचालित है। उन्होंने बताया कि जिला पशु क्रुरता निवारण समिति का गठन कर लिया गया है और पंजीयन की कार्यवाही जारी है। जिले के गौठानों में गोबर खरीदी की प्रक्रिया जारी है, साथ ही स्वीकृत गौठानों को 31 मार्च तक पूरा कर लिया जायेगा। इससे पशुधन को सुरक्षित रखना सुनिश्चित हो जायेगा। जिले के गौठानों में 17 मिट्रिक टन पैरा दान किया गया है। प्रशासन द्वारा खेत में पड़े पैरा को बंडल बनाने का कार्य भी किया जा रहा है। इस दौरान जिले में पुलिस विभाग द्वारा किये गये कार्यवाही की जानकारी पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने दिया। उन्होंने बताया कि इस तरह की घटनाएं संज्ञान में आने पर तत्काल कार्यवाही की जाती है। उन्होंने बताया कि ऐसे प्रकरणों के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्वयं मानिटरिंग करते है। जिले में पशु क्रुरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत 08 प्रकरण दर्ज कर अभियुक्तों पर कार्यवाही की गई है। पशुधन विभाग के उपसंचालक डॉ.एसएस. ध्रुव ने बताया कि पशु संगणना 2020 के अनुसार जिले में 3 लाख 99 हजार पशुधन तथा 3 लाख 6 हजार पक्षीधन है। बैठक में वनमंडलाधिकारी मयंक अग्रवाल, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. एस.एस. ध्रुव, गौसेवा संस्थान के सदस्य सहित संबंधित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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