सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की लाइसेंसिंग नीति का विस्तार
नई दिल्ली/सूत्र: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार 13 फरवरी को कहा कि सामुदायिक रेडियो स्टेशन (सीआरएस) स्थापित करने के लिए लाइसेंसिंग नीति का विस्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि सामुदायिक रेडियो के महत्व और जनता पर इसके प्रभाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने सीआरएस की स्थापना के लिए संस्थान को 7.5 लाख रुपये का अनुदान देने की योजना भी शुरू की है। केंद्रीय मंत्री ने विश्व रेडियो दिवस के अवसर पर यहां दो दिवसीय क्षेत्रीय सामुदायिक रेडियो सम्मेलन में अपने वर्चुअल संबोधन में कहा, 2014 से पहले 140 सीआरएस से लेकर अब 481 सामुदायिक रेडियो स्टेशनों तक, हमने एक लंबा सफर तय किया है।
सम्मेलन में 117 सामुदायिक रेडियो स्टेशन भाग ले रहे हैं
विश्व रेडियो दिवस पर सम्मेलन का उद्घाटन किया गया जिसमें दक्षिणी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 117 सामुदायिक रेडियो स्टेशनों ने भाग लिया। ठाकुर ने कहा कि यह सम्मेलन स्थानीय बोली और क्षेत्रीय भाषा में सामग्री प्रसारित करने के अलावा बेजुबानों को आवाज देने के क्षेत्र में किए जा रहे महत्वपूर्ण कार्यों का जश्न है।
स्थानीय भाषा बहुत महत्वपूर्ण है
उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से महसूस करता हूं और सरकार भी महसूस करती है कि स्थानीय भाषा बहुत महत्वपूर्ण है और इसलिए नई शिक्षा नीति में स्थानीय भाषाओं के माध्यम से सीखने को बढ़ावा दिया गया है।
सामुदायिक रेडियो समुदाय की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है
ठाकुर ने कहा कि यह ध्यान में रखते हुए कि सामुदायिक रेडियो समुदाय की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है और इसका व्यापक प्रभाव होता है, सरकार ने नागरिक समाज और गैर-लाभकारी संगठनों जैसे स्वैच्छिक संगठनों को इसके दायरे में लाकर नीति को व्यापक बनाने का निर्णय लिया है ताकि समुदाय की अधिक भागीदारी हो सके।