प्याज की गिरती कीमतों ने किसानों के लाए आंसू, अब सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला

नई दिल्ली: प्याज की गिरती कीमतों से किसान परेशान हैं. किसानों को प्याज बेचने पर मुनाफा काफी कम हो रहा है। बीते दिनों प्याज की कीमतों में आई गिरावट से परेशान महाराष्ट्र के नासिक जिले में एक किसान ने फसल में अलाव जलाकर अपना विरोध जताया. होलिका पर्व के दिन भी विरोध प्रदर्शन किया गया।
प्याज की खेती करने वाले किसान संकट में हैं क्योंकि नासिक में एशिया की सबसे बड़ी थोक प्याज मंडी लासलगांव में कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) में प्याज की कीमतों में भारी गिरावट आई है। वैश्विक बाजार में प्याज के दाम सातवें आसमान पर हैं, लेकिन भारत में किसान औने-पौने दामों पर किसानों को प्याज बेचने को मजबूर हो रहे हैं. किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए अब सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।
मंडियों में प्याज की कीमतों में गिरावट की खबरों के बीच सरकार ने अपनी खरीद एजेंसियों को तत्काल उपाय करने का निर्देश दिया है। उपभोग केन्द्रों पर एक साथ भेजने व बेचने का निर्देश दिया गया है। इसने किसानों से प्याज खरीदने के लिए नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (NAFED) और नेशनल कंज्यूमर कोऑपरेटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया (NCCF) को निर्देश दिया है।
थोक मंडियों में प्याज के दाम गिरने के बाद सहकारी संस्था नेफेड आज 9 मार्च से गुजरात की तीन मंडियों से खरीफ प्याज की खरीद शुरू करेगी, ताकि किसानों को राहत मिल सके. खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। नेफेड आज से गुजरात के भावनगर, गोंडल और पोरबंदर मंडियों से प्याज की खरीद शुरू करेगा। जरूरत पड़ने पर और केंद्र खोले जाएंगे। मंत्रालय ने कहा, “किसानों से अनुरोध है कि वे अपने अच्छी गुणवत्ता वाले और सूखे स्टॉक को खरीद केंद्रों पर लाएं ताकि उन्हें इन केंद्रों से बेहतर कीमत मिल सके।”
बयान में कहा गया है कि किसानों को भुगतान ऑनलाइन किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य में प्याज की गिरती कीमतों से किसानों को तत्काल राहत देने के लिए बाजार हस्तक्षेप की यह योजना लेकर आई है। बयान के मुताबिक, नेफेड गुजरात में प्याज की गिरती कीमतों की समस्या के समाधान के लिए खरीफ प्याज की खरीद करेगा और इस कदम से राज्य में प्याज बाजार को स्थिरता मिलेगी।